India at Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 रविवार को खत्म हो गए। भारत के लिए ये खेल ऐतिहासिक रहे। भारत ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए पेरिस पैरालंपिक में कुल 29 पदक जीते। ये भारत के किसी एक पैरालंपिक में सबसे अधिक पदक हैं। भारत मेडल टैली में 170 देशों में 18वें स्थान पर रहा। आइए आंकड़ों की जुबानी भारत की सफलता की कहानी जानते हैं।
7-9-13: भारत ने पेरिस पैरालंपिक में 7 गोल्ड जीते। इससे पहले कभी भी पैरालंपिक में भारत ने इतने स्वर्ण पदक नहीं जीते थे। इसके अलावा 9 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल भी भारत की झोली में आए। इसी वजह से पेरिस पैरालंपिक सालों साल याद रखा जाएगा।
18: भारत पदक तालिका में शीर्ष 20 में रहा और शीर्ष 15 से बस थोड़ा चूक गया। भारत 15वें स्थान से एक स्वर्ण दूर था, जबकि स्पेन सिर्फ दो रजत पदकों के साथ भारत से ऊपर है।
1: पेरिस में पैरालंपिक में भारत के लिए कई उपलब्धियां पहली बार सामने आईं। शीतल देवी और राकेश कुमार ने रिकर्व तीरंदाजी के मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत का पहला पैरालंपिक पदक जीता। कपिल परमार जूडो में पहले भारतीय पैरालंपिक पदक विजेता थे। हरविंदर सिंह ने पैरा तीरंदाजी में भी देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा, होकाटो सेमा, नागालैंड के पहले पैरालिंपियन बने, जबकि पुरुषों की शॉटपुट एफ57 में अपने राज्य के पहले पदक विजेता भी बने।
3: अवनी लेखरा (महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल SH1 में स्वर्ण) और मरियप्पन थंगावेलु (पुरुषों की ऊंची कूद T63 में कांस्य) ने अपने-अपने करियर का तीसरा पैरालिंपिक पदक जीता, जो इतिहास में किसी भी अन्य भारतीय द्वारा जीते गए पदकों से अधिक है। पेरिस पैरालंपिक से पहले केवल जोगिंदर सिंह बेदी और देवेंद्र झाझरिया ने तीन पदक जीते थे।
10: 10 भारतीय पैरा एथलीट पेरिस में कई पैरालंपिक पदक विजेता बने, जिनमें सुमित अंतिल भी शामिल थे। हरविंदर सिंह, प्रवीण कुमार, सुहास यतिराज, निषाद कुमार, शरद कुमार, मनीष नरवाल, योगेश कथुनिया, सुंदर सिंह गुर्जर सभी ने टोक्यो में पदक जीतने के बाद पेरिस में भी पदक जीता, जबकि प्रीति पाल ने यहां पेरिस में दो कांस्य पदक जीते। भारतीय दल में 10 महिला पदक विजेता भी थीं, जिन्होंने कुल 11 पदक जीते।