नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट की सीरीज का आगाज 25 जनवरी (गुरुवार) से हैदराबाद में होगा। इस सीरीज में टक्कर इंग्लैंड के बैजबॉल क्रिकेट और भारतीय स्पिन गेंदबाजों के बीच होगी या उसका उल्टा होगा? इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है।
इंग्लैंड ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो नतीजों की परवाह किए बगैर बैजबॉल यानी आक्रामक अंदाज में क्रिकेट खेलेगा। वहीं, टीम इंडिया ने भी पिछले कुछ सालों में घर पर इसी अंदाज में ही बैटिंग की है। ऐसे में ये देखने दिलचस्प होगा कि इंग्लैंड के बल्लेबाज बैजबॉल अंदाज वाला खेल दिखाते हैं या पासा उल्टा पड़ जाता है।
इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाजों ने 2016-17 के दौरे पर भारत की तुलना में प्रति विकेट 18 रन अधिक दिए थे और 2020-21 में स्पिन गेंदबाजी के मुफीद विकेट होने के बावजूद प्रति विकेट 12 रन अधिक दिए थे। भले ही इस दौरे पर 'बैजबॉल' के कारण भारत के स्पिन गेंदबाज थोड़े महंगे साबित हों। लेकिन, दूसरी तरफ अगर इंग्लैंड के स्पिनर भारतीय बल्लेबाजों को नहीं रोक पाए तो फिर इंग्लैंड जिस नतीजे की कल्पना कर रहा होगा, उसे हासिल करना नामुमकिन होगा।
भारत 12 साल से घर में टेस्ट सीरीज नहीं हारा
इंग्लैंड ने पिछली बार 2012-13 दौरे पर भारत को उसके घर में हराया था। 12 साल पहले एलिस्टर कुक और केविन पीटरसन ने अच्छी बल्लेबाजी की थी। लेकिन, इंग्लैंड को तब जीत मोंटी पनेसर, ग्रीम स्वान और जेम्स एंडरसन जैसे गेंदबाजों के बूते मिली थी। ये आखिरी बार था, जब भारत अपने घर में कोई टेस्ट सीरीज हारा था।
इसके बाद से टीम इंडिया ने घर में 16 टेस्ट सीरीज जीती है। तब से, ऑस्ट्रेलिया इकलौती ऐसी टीम रही है, जो भारत में टेस्ट सीरीज़ ड्रा करने के करीब भी पहुंची; वे 2016-17 और 2022-23 में टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराने के मुहाने पर इसलिए पहुंचे क्योंकि उनके गेंदबाज आर अश्विन और रवींद्र जड़ेजा के कौशल से मेल खाने के करीब थे।
इंग्लैंड ने प्लेइंग-11 में 3 स्पिनर को जगह दी
अब सवाल यही है कि क्या इंग्लैंड के पास ऑस्ट्रेलिया वाला कारनामा दोहराने का कम है। इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट के लिए प्लेइंग-11 एक दिन पहले घोषित कर दी है। सूखे विकेट को देखते हुए इंग्लैंड ने तीन स्पिन गेंदबाजों को जगह दी है। इन तीन स्पिनरों ने कुल मिलाकर 36 टेस्ट खेले हैं, जिसमें से अकेले 35 तो ऑफ स्पिनर जैक लीच के खाते में है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंग्लैंड का स्पिन अटैक कितना अनुभवहीन है।
वहीं, इसके मुकाबले आर अश्विन ने ही अकेले इंग्लैंड के तीनों स्पिनरों के 36 के मुकाबले करीब तीन गुना टेस्ट खेले हैं।
कैसा होगा पिच का मिजाज?
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के पॉइंट्स सिस्टम के कारण टीमों पर मैच जीतने का अतिरिक्त दबाव है। इसी वजह से सभी टीमें अपने गेंदबाजों के अनुकूल पिच तैयार करती हैं। हैदराबाद में भी कुछ ऐसा ही होगा। यहां दूसरे दिन से ही गेंद घूमने लगेगी। इसे देखते हुए ही इंग्लैंड ने तीन स्पिनर रखें हैं। वहीं, भारत भी इतने ही स्पिन गेंदबाजों के साथ उतर सकता है। हैदराबाद में धूप खिली रहेगी। ऐसे में विकेट से और स्पिन मिलने की उम्मीद है।
कुलदीप या अक्षर में से कौन खेलेगा?
भारत भी पहले टेस्ट में तीन स्पिनर के साथ खेलेगा। आर अश्विन और रवींद्र जडेजा का खेलना तय है। लेकिन, तीसरे स्पिनर के रूप में कुलदीप यादव खेलेंगे या अक्षर पटेल, ये देखना दिलचस्प होगा। रोहित शर्मा के लिए भी ये फैसला आसान नहीं होगा।
उन्होंने मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुलदीप या अक्षर में से किसी एक को खिलाने से जुड़े सवाल पर कहा, "विकेट पर उछाल है या नहीं, कुलदीप इस तरह की कंडीशन में अहम रहता है क्योंकि उसके पास वैरिएशन है। वो अश्विन-जडेजा के कारण भारत में ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेल पाया है। ये सच्चाई है और इसे छुपाया नहीं जा सकता है और हमारे पास काफी अच्छे विकल्प हैं।"
13 साल बाद होगा ऐसा
भारत नवंबर 2011 के बाद पहली बार अपनी प्लेइंग-11 में कोहली, चेतेश्वर पुजारा या अजिंक्य रहाणे के बिना टेस्ट मैच में उतरेगा।