India Medal Contenders Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक की शनिवार से शुरुआत हो गई। इस बार इन खेलों में 117 खिलाड़ियों का भारतीय दल हिस्सा लेगा। भारतीय खिलाड़ी 16 अलग-अलग खेलों में स्वर्ण पदक के लिए दावेदारी पेश करेंगे। टोक्यो ओलंपिक की तरह ही इस बार भी भारतीय खिलाड़ियों से देश को पदकों की उम्मीद है। इस बार उम्मीद यही है कि भारत टोक्यो के अपने 7 पदकों के रिकॉर्ड से आगे निकल जाएगा। टोक्यो में भारत ने अपने ओलंपिक इतिहास का सबसे बेस्ट प्रदर्शन किया था। इन्हीं खेलों में भारत को दूसरा व्यक्तिगत गोल्ड मेडल मिला था। 

नीरज चोपड़ा ने ज्वेलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता था। उनसे पहले 2008 के बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में गोल्ड पर निशाना साधा था। भारत अबतक ओलंपिक में कुल मिलाकर 35 पदक जीता है। इस बार सबके जहन में यही सवाल है कि भारत की मेडल टैली दोहरे अंक में पहुंच पाएगी। इस बार कौन सा खिलाड़ी गोल्ड का मजबूत दावेदार है। आइए जानते हैं कि किन खिलाड़ियों से भारत को सुनहरी कामयाबी की उम्मीदें हैं। 

निशानेबाजी में भारत को गोल्ड की उम्मीद
पेरिस ओलंपिक में भारत के 21 निशानेबाज मेडल की दावेदारी पेश करेंगे। मेंस और वुमेंस दोनों कैटेगरी के 6-6 इवेंट में भारतीय शूटर्स हिस्सा लेंगे। मेंस कैटेगरी में 10 औऱ वुमेंस में 11 निशानेबाज मेडल के लिए निशाना लगाएंगे। भारत को इस बार दो युवा निशानेबाजों मनु भाकर और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर से गोल्ड की उम्मीदें हैं। पिछले दो ओलंपिक में भारत के शूटिंग में हाथ खाली रहे थे। ऐसे में पेरिस में निशानेबाजों से पदकों का सूखा खत्म करने की उम्मीद होगी। 

मनु भाकर ने 2018 के यूथ ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद विश्व कप में 9 स्वर्ण पदक जीते थे। लेकिन टोक्यो 2020 में वो मेडल से चूक गईं थीं। इस बार वो कुल 3 इवेंट में उतरेंगी और उनसे गोल्ड की उम्मीद हैं। 

मनु भाकर से पेरिस ओलंपिक में गोल्ड की उम्मीद है।

ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने एशियन गेम्स में 2 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2023 की विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने के बाद से ही ऐश्वर्य से ओलंपिक में कमाल दिखाने की उम्मीद है। वो 50 मीटर राइफल-थ्री पोजीशन में गोल्ड के लिए दावेदारी पेश करेंगे। ओलंपिक में भारत ने अबतक 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 कांस्य पदक जीता है। पिछला पदक 2012 के लंदन ओलंपिक में आया था, जब विजय कुमार ने निशानेबाजी में सिल्वर जीता था। 

आर्चरी में भी भारत को पदक की उम्मीद
आर्चरी के मेंस और वुमेंस दोनों कैटेगरी में भारत के 3-3 तीरंदाज हिस्सा लेंगे। भारत ने मेंस और वुमेंस दोनों कैटेगरी के टीम इवेंट में रैंकिंग के आधार पर क्वालिफाई किया है और क्वार्टर फाइनल का टिकट कटाया है। इसलिए भारतीय तीरंदाज मेंस-वुमेंस इंडिविजुअल, मेंस-वुमेंस टीम और मिक्स्ड टीम रिकर्व इवेंट में हिस्सा लेगा।

तीरंदाजी में भारत ने विश्व कप जैसे इवेंट में तो दमदार प्रदर्शन किया है। लेकिन, जब बात ओलंपिक की आती है, तो भारत की झोली अबतक खाली है। विश्व नंबर-1 रह चुकीं दीपिका कुमारी तीन बार ओलंपिक में उतरी हैं। लेकिन, कभी क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं जा सकीं। दीपिका इस बार फिर उतरेंगी। लेकिन इस बार उनके साथ धीरज, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव की मेंस टीम से भी पदक की उम्मीद है। 

पुरुषों के व्यक्तिगत के साथ ही रिकर्व टीम इवेंट में भी मेडल की उम्मीद है। भारत ने आर्चरी के विश्व कप में ओलंपिक चैंपियन कोरिया को भी हराया था। इसलिए अगर कोरिया की चुनौती पार करने में भारत सफल रहा तो शायद टीम इवेंट में भारत गोल्ड मेडल भी जीत सकता है। इनके अलावा भजन कौर, अंकिता भकत भी महिला कैटेगरी में दावेदारी पेश करेंगी। तीरंदाजी में भारत को 2 मेडल की उम्मीद है। 

एथलेटिक्स में भारत का सबसे बड़ा दल
एथलेटिक्स के जेवलिन थ्रो, लॉन्ग जंप, रिले और स्टीपलचेज जैसे अलग-अलग 18 इवेंट में भारत के 29 एथलीट्स हिस्सा लेंगे। इनमें 18 पुरुष और 11 महिलाएं शामिल हैं। कुल 18 गोल्ड मेडल दांव पर हैं। भारत को जेवलिन थ्रो इवेंट में गोल्ड की पूरी उम्मीद है। नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को ऐतिहासिक गोल्ड मेडल दिलाया था। वो इस बार भी गोल्ड के दावेदार हैं। टोक्यो ओलंपिक के बाद से नीरज का खेल निखरा ही है। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप, डाय़मंड लीग, एशियन गेम्स में भी गोल्ड जीता। भारत के किशोर जेना भी इस बार जेवलिन थ्रो में मेडल जीत सकते हैं। 

स्टीपलचेज इवेंट में भारत की पदक की सबसे बड़ी उम्मीद अविनाश साबले हैं। उन्होंने 2002 कॉमनवेल्थ गेम्स की 3 हजार मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक जीता था। एशियन गेम्स में भी गोल्ड जीतकर उन्होंने सबको चौंकाया था। ऐसे में वो पदक के दावेदार हैं। हालांकि, उन्हें यूरोपीय देशों से कड़ी चुनौती मिल सकती है। महिलाओं की 4 गुणा 400 मीटर टीम भी मेडल राउंड तक पहुंच सकती है। इसके अलावा ज्योति याराजी भी छुपा रुस्तम साबित हो सकती हैं और महिलाओं के 100 मीटर हर्डल्स में भारत को पहली बार पदक जिता सकती हैं। 

रेसलिंग, महिला मुक्केबाजी, बैडमिंटन और हॉकी ऐसे खेल हैं, जिनमें भारत को पदक की उम्मीद है। महिला मुक्केबाज निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन पोडियम फिनिश कर सकती हैं। निकहत 50 किलो भार वर्ग में गोल्डन पंच लगा सकती हैं। वो विश्व चैंपियन हैं। महिला रेसलिंग में अंतिम पंघल और विनेश फोगाट से पदक की उम्मीद है। अंतिम ने एशियन गेम्स और विश्व चैंपियनशिप के 53 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था। अगर वो ओलंपिक में अपने इस प्रदर्शन को दोहराने में सफल रहती हैं तो फिर उन्हें पोडियम फीनिश करने से कोई नहीं रोक सकता। बैडमिंटन में पीवी सिंधु, सात्विकसाईंराज-चिराग शेट्टी और लक्ष्य सेन पदक के दावेदार हैं।