नई दिल्ली। क्रिकेट में कई मर्तबा टॉस की भूमिका इतनी अहम हो जाती है कि हार-जीत का आधा फैसला इसी बात पर टिका रहता है। आईपीएल 2024 के कई मुकाबलों में भी ऐसा देखने को मिला। अब बीसीसीआई टॉस से होने वाले फायदे को ही खत्म करने की तैयारी कर रही। हालांकि, इसकी शुरुआत आईपीएल से नहीं, बल्कि बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट से होगी। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने अंडर-23 सीके नायडू ट्रॉफी से टॉस हटाने का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव के मुताबिक,मेहमान टीम के पास ये चुनने का अधिकार होगा कि वो पहले गेंदबाजी करेगी या बल्लेबाजी।
ये प्रपोजल बीसीसीआई सचिव जय शाह, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, सेलेक्शन कमेटी के मुखिया, हेड कोच राहुल द्रविड़ और एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण से सलाह के बाद बनाया गया है। बोर्ड सचिव जय शाह ने अनुमोदन के लिए एपेक्स काउंसिल को प्रस्तावों की एक श्रृंखला पेश की है, जिसमें पिछले सीज़न में कप्तानों द्वारा की गई मांगों के अनुरूप रणजी मैचों के बीच महत्वपूर्ण अंतर शामिल है।
सीके नायडू ट्रॉफी में खत्म होगा टॉस
जय शाह ने एपेक्स काउंसिल के सदस्यों के बीच प्रसारित नोट में कहा,"सीके नायडू ट्रॉफी मैचों के लिए टॉस को हटा दिया जाएगा। इसके बजाय, मेहमान टीम को यह चुनने का अधिकार होगा कि वह पहले बल्लेबाजी करेगी या गेंदबाजी।"
घरेलू क्रिकेट के पॉइंट सिस्टम में बदलाव होगा
सिर्फ टॉस में ही बदलाव नहीं होगा, बल्कि सीके नायडू ट्रॉफी में नया पॉइंटस सिस्टम लागू किया जाएगा। इसे लेकर जय शाह ने कहा, "सीके नायडू ट्रॉफी में संतुलित प्रदर्शन को बढ़ावा देने के इरादे से एक नया पॉइंट सिस्टम लागू होगा। इसमें पहली पारी में बल्लेबाजी और गेंदबाजी प्रदर्शन के लिए अंक शामिल हैं। इसके अलावा पहली पारी में बढ़त या जीत के लिए अंक भी शामिल हैं।"
बोर्ड सीजन के आखिर में सीके नायडू ट्रॉफी के लिए नियोजित नई अंक प्रणाली की प्रभावशीलता का भी आकलन करेगा और यह फैसला लिया जाएगा कि क्या इसे रणजी ट्रॉफी के आने वाले सीजन में इसे लागू किया जाए या नहीं।