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Joe Root on the Bazball effect: जो रूट ने बताया कि बैजबॉल का इंग्लैंड की क्रिकेट टीम पर क्या असर पड़ा है। अब टीम मीटिंग जैसी चीज इंग्लैंड की क्रिकेट संस्कृति का हिस्सा नहीं है।

नई दिल्ली। ब्रेंडन मैकुलम के इंग्लैंड की टेस्ट टीम का कोच बनने के बाद से बहुत कुछ बदल गया है। लेकिन ऐसा सिर्फ मैदान पर ही नहीं हुआ है, बल्कि बैजबॉल का असर ड्रेसिंग रूम और उसके बाहर भी रहा है। पूर्व कप्तान जो रूट का कहना है कि बैजबॉल के बाद अब टीम मीटिंग नहीं होती।

जो रूट ने विशाखापट्टनम टेस्ट के बाद कहा था, "अब हम वास्तव में टीम मीटिंग नहीं करते हैं। यह बहुत अच्छी चीजों में से एक है कि हम खेल से दूर अपनी सारी बातचीत कैसे करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताने का आनंद और चर्चा कैसे करते हैं। अब हमें किसी मीटिंग रूम में बैठने की जरूरत नहीं। हम डिनर टेबल पर बैठकर या सुबह कॉफी पीते हुए भी रणनीति पर चर्चा कर लेते हैं। मुझे लगता है कि ये सीखने का सबसे अच्छा तरीका है।"

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर
भारत के विशाखापट्टनम टेस्ट जीतने के बाद सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है। दोनों देशों के बीच तीसरा मुकाबला 15 फरवरी से राजकोट में खेला जाएगा। इससे पहले, इंग्लैंड की टीम ने ब्रेक ले लिया है और वो अबू धाबी चली गई है। 

वाइजैग टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 106 रन से हराया था जबकि हैदराबाद में 28 रन से इंग्लैंड जीता था। लेकिन, बड़े अंतर से हार के बावजूद बेन स्टोक्स एंड कंपनी अपनी आक्रामक क्रिकेट की रणनीति को नहीं छोड़ेगी। 

अब हम टीम मीटिंग ही नहीं करते: रूट 
रूट ने इसे लेकर कहा, "मैच का नतीजा चाहे जो भी हो, हम हमेशा उसी तरह खेलेंगे जैसा हम जानते हैं। इसने हमें लंबे समय तक सफलता दिलाई है। बैजबॉल हममें से सर्वश्रेष्ठ लाता है। हम पहले भी इसी तरह की स्थिति में रहे हैं। पिछली बार जब हमने इंग्लैंड में भारत के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था। उस मुकाबले में हम टीम इंडिया से बहुत पीछे थे। इसके बावजूद हम बड़े स्कोर का पीछा करने में सफल रहे थे। ऐसे कई अन्य मौके आए हैं जब हमने बड़े स्कोर का पीछा करके जीत हासिल की है।"

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