नई दिल्ली। अगर कुछ खिलाड़ियों को तकलीफ होगी तो होने दीजिए, 1983 में भारत को विश्व कप जिताने वाले दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव ने बीसीसीआई के श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर करने के फैसले की तारीफ की। उन्होंने कहा कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट को बचाने के लिए बीसीसीआई का ये फैसला बिल्कुल सही है। बता दें कि बीसीसीआई ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी खेलने का आदेश नहीं मानने की वजह से श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया था।
कपिल देव ने किसी खिलाड़ी का नाम लेने से परहेज किया। लेकिन कहा कि घरेलू क्रिकेट के महत्व पर जोर देने का बीसीसीआई का फैसला लंबे समय से लंबित था। कपिल ने कहा, "हां, कुछ खिलाड़ियों को तकलीफ होगी, होने दो लेकिन देश से बढ़कर कोई नहीं। मैं घरेलू क्रिकेट को बचाने के लिए उठाए गए कदम के लिए बीसीसीआई को बधाई देता हूं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खुद को स्थापित करने के बाद खिलाड़ियों द्वारा घरेलू क्रिकेट को छोड़ दिए जाने को देखकर मुझे दुख हुआ।"
घरेलू क्रिकेट को बचाने की बीसीसीआई की कोशिश सही: कपिल
कपिल देव ने कहा कि अब समय आ गया है कि संदेश दिया जाए और बीसीसीआई का यह कड़ा कदम घरेलू क्रिकेट की प्रतिष्ठा को बहाल करने में काफी मदद करेगा। घरेलू क्रिकेट खेलना स्थापित सितारों का कर्तव्य है क्योंकि वे अपनी सफलता का श्रेय अपने-अपने राज्यों को देते हैं। मैंने हमेशा इंटरनेशनल खिलाड़ियों द्वारा अपने संबंधित राज्यों के लिए खेलने के लिए खुद को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में विश्वास किया है। इससे उन्हें घरेलू खिलाड़ियों को अपना समर्थन देने में मदद मिलती है। साथ ही यह एक खिलाड़ी को तैयार करने में राज्य संघ द्वारा दी गई सेवाओं के लिए भुगतान करने का एक अच्छा तरीका है।
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पूर्व क्रिकेटरों की पेंशन बढ़ाने की भी तारीफ की
कपिल ने पूर्व क्रिकेटरों की पेंशन बढ़ाने के लिए बीसीसीआई का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कई पुराने खिलाड़ियों के परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है। 2022 में, बोर्ड ने पूर्व क्रिकेटरों-पुरुष और महिला दोनों - की मासिक पेंशन में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। पूर्व फर्स्ट क्लास मेल क्रिकेटर, जिन्हें पहले 15 हजार रुपये की पेंशन मिलती थी, अब उन्हें तीस हजार रुपये हर महीने पेंशन के तौर पर मिल रहे हैं। जबकि पूर्व टेस्ट खिलाड़ियों को, जिन्हें 37,500 रुपये मिलते थे, अब 60 हजार रुपये मिल रहे हैं।