Paris Olympics: लक्ष्य सेन पेरिस ओलंपिक में कैसे छुड़ा रहे विरोधियों के छक्के, सबसे बड़े मैच से पहले खुला राज

नई दिल्ली। लक्ष्य सेन पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल जीतने से बस एक जीत दूर हैं। वो बैडमिंटन के मेंस सिंगल्स के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने हैं और अब उनके पास पदक जीतने का मौका है। सेमीफाइनल में लक्ष्य की टक्कर टोक्यो 2020 के गोल्ड मेडलिस्ट विक्टर एक्सलेसन से है। लक्ष्य के लिए ये मैच किसी भी सूरत में आसान नहीं होगा। लेकिन, इस मुकाबले में जीत दर्ज करने के लिए उनके पास सीक्रेट हथियार है। वो हथियार कुछ और नहीं, मां के हाथा का बना खाना है, जिसे खाकर लक्ष्य ने अबतक पेरिस ओलंपिक में जोरदार प्रदर्शन किया है।
लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलंपिक में बैडमिंटन के धाकड़ खिलाड़ियों को मात दी है। उन्होंने विश्व नंबर 4 और 11 को हराने के साथ ही क्वार्टर फाइनल में हमवतन एचएस प्रणय को मात दी थी। लक्ष्य की इन तमाम सफलताओं में जो बात कॉमन है वो है मां के हाथ का बना खाना। पेरिस ओलंपिक के दौरान लक्ष्य का पूरा परिवार मौजूद है और वो रोज मां के हाथ का बना खाना खा रहे हैं।
लक्ष्य को मिल रहा मां के हाथ का बना खाना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लक्ष्य सेन की मां निर्मला, पिता धीरेंद्र कुमार और भाई चिराग पेरिस ओलंपिक की शुरुआत से ही उनके साथ हैं। मां निर्मला लक्ष्य को उनकी पसंद का खाना खिला रही हैं। इसके साथ ही वो इस बात का भी ध्यान रख रहीं कि उन्हें पूरा पोषण भी मिले।
लक्ष्य सेन के कोच विमल कुमार ने ओलंपिक से पहले कहा था, "हमने सुनिश्चित किया है कि उसकी मां पास में ही रहे ताकि वह सहज महसूस कर सके।"
लक्ष्य सेन का समर्थन करने वाले ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट (संचालन) के प्रमुख वीरेन रस्किन्हा ने कहा,"लक्ष्य की मां उनके साथ है और वो रोज उनके लिए खाना बना रही हैं। इसी बड़े इवेंट से पहले ये जरूरी है कि वो अच्छी मानसिक स्थिति में रहें।"
लक्ष्य सेन की मां उनके लिए चिकन सूप तैयार करती हैं। इसके अलावा एक खास तरह का सॉस भी उनकी मां बनाती हैं, जोकि लक्ष्य को बेहद पसंद है। ये सभी डिश लक्ष्य की मां उनकी न्यूट्रिशनिस्ट के साथ मिलकर तैयार करती हैं।
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