नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में चेन्नई सुपर किंग्स ने 5 बार आईपीएल का खिताब जीता है। चेन्नई की इस सफलता का एक ही फॉर्मूला है वो ये कि यहां खिलाड़ी से ज्यादा टीम को तरजीह दी जाती है और इसका सबसे ज्यादा श्रेय धोनी को जाता है। बीते कई सालों में धोनी ने टीम का भीतर ऐसा कल्चर पैदा किया है कि यहां खिलाड़ी का नहीं, टीम का हित सबसे ऊपर होता है। धोनी का हमेशा से ही फोकस ये रहा है कि दिग्गजों की जगह ऐसे खिलाड़ियों को चुना जाए, जो अपना अधिकतम देने की क्षमता रखते हों।
चेन्नई सुपर किंग्स कैसे काम करती है, धोनी ने इस बारे में हाल ही में बताया। धोनी ने कहा कि जब टीम में कोई बड़ा खिलाड़ी आता है, जिसकी सोच टीम से अलग होती है तो हम उम्मीद करते हैं कि वो टीम की जरूरत से तालमेल बैठाकर काम करेगा। लेकिन अगर चीजें सही नहीं होती हैं तो वो खिलाड़ी को जाने देने में संकोच नहीं करते हैं। भले ही वो कितना महान क्रिकेटर क्यों ना हो। धोनी के लिए टीम पहले आती है।
धोनी ने कहा,"हमें अपनी टीम में एक बहुत अच्छा खिलाड़ी मिलता है, लेकिन वह हमारी सोच और संस्कृति से बिल्कुल अलग है। तो हम चाहते हैं कि वह टीम के लक्ष्य की ओर एक कदम बढ़ाए और हम उसकी ओर 3 कदम बढ़ाकर खुश हैं। लेकिन मान लीजिए कि ऐसा नहीं है। दूसरी सबसे अच्छी बात यह है कि आप जो कर रहे हैं वह करते रहें लेकिन हमें बाधित न करें। तीसरा सबसे अच्छा विकल्प यह है कि आपको उसे जाने देना होगा, चाहे वह व्यवसाय हो या खेल दिन के अंत में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। थिंक टैंक का लक्ष्य व्यक्ति से अधिकतम फायदा हासिल करना है। अगर वह टीम के लिए बहुत अच्छा है, तो मैं यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा कि वह एक असेट बन जाए।"