नई दिल्ली। मुंबई ने 8 साल बाद रणजी ट्रॉफी जीत ली। फाइनल में मुंबई ने विदर्भ को 169 रन के बड़े अंतर से मात दी। मुंबई ने रिकॉर्ड 42वीं बार घरेलू रेड बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट जीता है। 538 रन के टारगेट का पीछा करते हुए विदर्भ की टीम मैच के पांचवें और आखिरी दिन गुरुवार को 134.3 ओवर में 368 रन पर ढेर हो गई। विदर्भ की तरफ से कप्तान अक्षय वाडकर ने 102 रन की पारी खेली। उनके अलावा हर्ष दुबे ने भी 65 रन बनाए थे। मुंबई की तरफ से दूसरी पारी में तनुष कोटियन ने सबसे अधिक 4 विकेट लिए।
पांचवें दिन यानी गुरुवार को जब मैच शुरू हुआ, तब विदर्भ को जीत के लिए 298 रन और चाहिए थे और उसके पांच विकेट बचे थे। ऐसा लग रहा था कि विदर्भ की टीम जल्दी आउट हो जाएगी। लेकिन, कप्तान अक्षय वाडकर और हर्ष दुबे ने मोर्चा संभाला और पहले सेशन में मुंबई के गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया। इन दोनों ने संभलकर खेलते हुए 93 रन जोड़े और लंच पर विदर्भ को 205 रन की दरकार थी।
लंच के बाद वाडकर ने अपना शतक पूरा किया। जब ऐसा लगने लगा था कि विदर्भ की टीम भी इस मैच में चमत्कार कर सकती है, तभी तनुष कोटियन ने वाडकर को आउट कर विदर्भ को बड़ा झटका दे दिया। अक्षय वाडकर ने 199 गेंद में 102 रन का पारी खेली। 353 रन पर विदर्भ को अक्षय के रूप में छठा झटका लगा। इसके बाद विदर्भ की पारी लड़खड़ा गई और 15 रन के भीतर 4 और विकेट गिर गए। अपना आखिरी फर्स्ट क्लास मैच खेल रहे धवल कुलकर्णी ने उमेश यादव को आउट कर मुंबई को 42वीं बार चैंपियन बना दिया।
दूसरी पारी में मुंबई के लिए 136 रन ठोकने वाले मुशीर खान प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए। उन्होंने दूसरी पारी में दो विकेट भी लिए थे। वहीं, रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में 502 रन बनाने के साथ 29 विकेट लेने वाले तनुष कोटियन प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए।
जहां तक मैच की बात है तो मुंबई ने पहली पारी में 224 रन बनाए थे। इसके जवाब में विदर्भ की टीम 105 रन पर ढेर हो गई थी। वहीं, मुंबई ने दूसरी पारी में 418 रन जोड़े थे। पहली पारी में 119 रन की लीड की वजह से मुंबई ने विदर्भ को 538 रन का लक्ष्य दिया था। इसका पीछा करते हुए विदर्भ की टीम 368 रन ही बना सकी।