नई दिल्ली। तेज गेंदबाज नसीम शाह ने पाकिस्तान टीम में असुरक्षा की भावना पर खुलकर बात रखी है। उन्होंने कहा कि सीनियर खिलाड़ी चोटिल होने के बावजूद ब्रेक नहीं लेते। क्योंकि उन्हें लगता है कि युवा खिलाड़ी उनकी जगह ले लेंगे। नसीम पिछले साल भारत में खेले गए वनडे विश्व कप में कंधे की चोट की वजह से नहीं खेल पाए थे। इस गेंदबाज ने अपने लिए भी कहा कि मुझे भी ये डर लग रहा था कि कहीं कंधे की चोट की वजह से मैं भी पाकिस्तान टीम में अपनी जगह न खो दूं।
नसीम शाह ने क्रिकविक से बातचीत में कहा, "ईमानदारी से कहूं तो, मुख्य खिलाड़ी अपने शरीर को आराम देने से डरते हैं, भले ही उन्हें पता हो कि उन्हें ब्रेक की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट संस्कृति ऐसी है कि अगर कोई नया खिलाड़ी आता है और एक या दो मैचों में प्रदर्शन करता है, तो आप नहीं जानते कि वह टीम में स्थायी रूप से आपकी जगह लेगा या नहीं।"
डर के मारे खिलाड़ी रेस्ट नहीं लेते हैं: नसीम
इस पेसर ने आगे कहा, "यह डर खिलाड़ियों को आराम नहीं करने देता क्योंकि आप डरते हैं कि आपका करियर यहीं खत्म हो सकता है। नसीम ने कहा कि सीनियर खिलाड़ियों, टीम मैनेजमेंट, सेलेक्टर्स और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के बीच स्पष्टता और बेहतर संवाद स्थापित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "अन्य देशों में अगर किसी अहम खिलाड़ी को रेस्ट दिया जाता है तो उसे भरोसा दिया जाता है कि अगर उनकी जगह चुना गया खिलाड़ी एक या दो मैच में अच्छा प्रदर्शन करेगा, तब भी उन्हें टीम से बाहर नहीं किया जाएगा।"
नसीम ने कहा कि अगर पाकिस्तान का कोई सीनियर खिलाड़ी पूरी तरह फिट महसूस नहीं कर रहा हो या उसके शरीर को आराम की जरूरत हो तो उसके समर्पण पर सवाल उठाए जाते हैं।