Neeraj Chopra on Arshad Nadeem: पेरिस ओलंपिक में पाकिस्तान ने जेवलिन थ्रो (Javelin Throw) में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। पाकिस्तान के जेवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने ऐसा शानदार प्रदर्शन किया कि उन्होंने अपने देश का 32 साल का ओलंपिक सूखा खत्म कर दिया। भारत के नीरज चोपड़ा लगातार दो ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बनने से चूक गए।

नीरज का दूसरा थ्रो ही वैलिड माना गया
टोक्यो ओलंपिक चैंपियन नीरज ने पेरिस ओलंपिक के पुरुषों की जेवलिन थ्रो (Javelin Throw) के फाइनल में सिल्वर मेडल जीता। एथलेटिक्स की दुनिया में इस नए रिकॉर्ड ने तहलका मचा दिया। पाकिस्तान के अर्शद नदीम ने 92.97 मीटर के नए ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया।  नीरज का दूसरा थ्रो ही वैलिड माना गया। इस थ्रो में नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर फेंका। नीरज चोपड़ा की बाकी पांच कोशिशें फाउल रही।

पाकिस्तान के पास 40 साल बाद आया गोल्ड
अरशद ने अपने दूसरे थ्रो में 92.97 मीटर का नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने छठे और अंतिम थ्रो में 91.79 मीटर फेंका। अरशद नदीम ने पाकिस्तान के 40 साल के लंबे ओलंपिक गोल्ड मेडल के इंतजार को खत्म किया। यह 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक के बाद पाकिस्तान का पहला ओलंपिक मेडल है। अरशद नदीम के प्रदर्शन ने सभी को चौंका दिया। ओलंपिक इतिहास में पहली बार, जेवलिन थ्रो के फाइनल में पोडियम पर कोई यूरोपीय  खिलाड़ी नजर नहीं आया। पुरुषों के जेवलिन थ्रो (Javelin Throw) के फाइनल में एशियाई एथलीट 1-2 स्थान पर रहे। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स तीसरे स्थान पर रहे। अर्शद ने नीरज के प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।

नीरज चोपड़ा ने की अरशद की तारीफ
मीडिया से बातचीत में नीरज चोपड़ा ने कहा, 'जिसने मेहनत की है, उसे उसका फल मिलेगा। अरशद नदीम बहुत इज्जत करते हैं और यह हमारी जिम्मेदारी है कि अगर कोई हमसे अच्छा बात करता है, तो हमें भी अच्छा जवाब देना चाहिए। अरशद का थ्रो बहुत अच्छा था और वह सही जगह पर निकला, जहां उसकी जरूरत थी। आज वह दिन था जब मैंने सोचा था कि थ्रो जरूर निकलेगा, क्योंकि यह मौका चार साल बाद आता है। मैंने सोचा था कि शायद यह हो, लेकिन आज शायद उनका दिन नहीं था।

'आज आखिरकार वह हुआ जो होना था'
नीरज चोपड़ा ने कहा कि अरशद ने इससे पहले भी कई कॉम्पटीशन में हिस्सा लिया है। आज आखिरकार वह हुआ जो होना था। अरशद ने एक अच्छा थ्रो निकाला और आज का दिन उनका था। भविष्य में हम इसी तरह की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहेंगे। जेवलिन (Javelin) एक ऐसा खेल है जिसमें कई देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। हो सकता है कि भविष्य में किसी तीसरे देश का एथलीट जीत जाए।"

कौन हैं अरशद नदीम?
अरशद नदीम की कहानी प्रेरणादायक है। 2 जनवरी 1997 को पंजाब के मियां चन्नू शहर में जन्मे अर्शद अपने सात भाई-बहनों में तीसरे सबसे बड़े हैं। अरशद के परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी क्योंकि उनके पिता, एक मजदूर हैं। अरशद के पिता ही उनके परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। एक समय में अरशद के गांव ने उनकी ट्रेनिंग और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जाने के लिए पैसा जुटाया था। अरशद के पिता मोहम्मद अशरफ ने बताया कि अरशद के साथी, गांव के लोग और रिश्तेदार पैसे दान करते थे ताकि वह अपने शुरुआती दिनों में अपनी ट्रेनिंग और इवेंट्स के लिए दूसरे शहर आ जा सकें।'

कभी क्रिकेटर बनने की ख्वाहिश रखते थे नदीम
अरशद की खेल क्षमता उनके स्कूल के दिनों में ही सामने आने लगी थी। स्कूल में ही अरशद  ने क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबॉल और एथलेटिक्स जैसे विभिन्न खेलों में शानदार प्रदर्शन किया। क्रिकेट के प्रति अपने जुनून के चलता अरशद ने डिस्ट्रिक्ट लेवल तक क्रिकेट भी खेला। हालांकि, एथलेटिक्स कॉम्प्टीशन में अरशद के प्रदर्शन ने कोच राशिद अहमद साकी का ध्यान खींचा। इसके बाद कोच ने उन्हें अपनी देखरेख में लिया और उनके टैलेंट को निखारा।

जेवलिन से पहले दूसरे गेम्स में भी हाथ आजमा चुके हैं अरशद
जेवलिन थ्रो (Javelin Throw) पर  से पहले, नदीम ने शॉट पुट और डिस्कस थ्रो जैसे गेम्स में भी हाथ आजमाया। जेवलिन थ्रो (Javelin Throw) में अरशद का करियर 2015 में शुरू हुआ। अरशद को 2016 में वर्ल्ड एथलेटिक्स से एक स्कॉलरशिप मिली, जिससे उन्हें मॉरीशस के IAAF हाई-परफॉरमेंस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग करने का मौका मिला। तीन साल पहले अपना ओलंपिक डेब्यू करने के बावजूद, अरशद को बीते कुछ साल में अपने समकक्ष खिलाड़ियों की तरह ट्रेनिंग की सुविधाएं नहीं मिली हैं। इस साल की शुरुआत में पहली बार जेवलिन थ्रोअर ने डायमंड लीग में हिस्सा लिया था।