नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय मेंस हॉकी टीम शनिवार सुबह देश लौटी। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारतीय टीम का जोरदार स्वागत हुआ। खिलाड़ियों को फूल-मालाओं से लाद दिया गया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर खिलाड़ी जमकर झूमे। हॉकी टीम के स्वागत के लिए सुबह से ही फैंस एयरपोर्ट पर जुट गए थे। एयरपोर्ट से खिलाड़ियों को दिल्ली के नेशनल स्टेडियम ले जाया गया, जहां खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने खिलाड़ियों से मुलाकात की।
एयरपोर्ट पर भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, "पदक तो पदक होता है और देश के लिए इसे जीतना बहुत बड़ी बात है। हमने फाइनल में पहुंचने और स्वर्ण जीतने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से हमारा सपना पूरा नहीं हुआ। लेकिन, हम खाली हाथ नहीं लौटे हैं, लगातार पदक जीतना अपने आप में एक रिकॉर्ड है।"
हरमनप्रीत ने आगे कहा, "हमें जो प्यार मिला है, वह बहुत बड़ी बात है। यह उनके (पीआर श्रीजेश) लिए एक भावुक क्षण था क्योंकि वह अपना आखिरी मैच खेल रहे थे। वह रिटायर हो चुके हैं, लेकिन वह हमारे साथ रहेंगे। मैं भारत सरकार, SAI और ओडिशा सरकार को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं... हमें अब जो प्यार मिल रहा है, वह हमारी जिम्मेदारी को दोगुना कर देता है, हम जब भी खेलेंगे, देश के लिए पदक लाने की कोशिश करेंगे।"
खिलाड़ियों से मुलाकात के बाद खेल मंत्री मंडाविया ने कहा, "आज भारत की हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक से कांस्य पदक जीतकर लौटी है। मैंने सभी से मुलाकात की, सभी खिलाड़ियों को बधाई दी। पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है।"
हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह ने इस मौके पर गोलकीपर पीआर श्रीजेश को पेरिस ओलंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी में ध्वजवाहक चुने जाने पर बात की। उन्होंने कहा, "वह (पीआर श्रीजेश) इसके हकदार थे (ओलंपिक के समापन समारोह में ध्वजवाहक बनने के लिए)। अगर भारत सरकार और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने उन्हें यह मौका दिया है, तो हॉकी इंडिया उनका शुक्रिया अदा करता है।"
उन्होंने आगे कहा, यह एक शानदार जीत थी, लगातार दो मेडल जीतना एक बड़ी उपलब्धि। हमारा लक्ष्य फाइनल खेलना था। लेकिन रैफरी की एक गलती के कारण अमित रोहिदास को रेड कार्ड दिखाया गया और हम जर्मनी के खिलाफ हार गए। वर्ना हम फाइनल पहुंचते और पदक का रंग कुछ और होता।"