नई दिल्ली. पेरिस ओलंपिक 2024 का आज आखिरी दिन है. इस बार इन गेम्स में देश एक भी गोल्ड नहीं जीत पाया. इसिलए भारतीय खेल जगत में एक बार फिर निराशा छा गई है। कुछ ऐसे एथलीट थे, जिनसे देश को सोने का तमगा जीतने की उम्मीद थी, लेकिन वो पूरी मेहनत के बाद भी उम्मीदों पर खता नहीं उतर पाए. कुछ एथलीट तो बिना मेडल के ही वापस लौट आए हैं. आइए एक नजर डालते हैं उन चार एथलीटों पर जिनसे देश को गोल्ड की उम्मीदे थी, क्योंकि यह दिग्गज अपने-अपने खेल के महारथी हैं.
1. नीरज चोपड़ा
भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा पर सबकी नजर थी. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीता था, इसलिए सभी को लगा था कि वो इस बार भी कमाल करेंगे, लेकिन चोट और अन्य कारणों से वे अपनी क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर पाए. नीरज ने सिल्वर मेडल जरूर जीता, लेकिन वो गोल्ड से चूक गए.
2. सात्विक साईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी
भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विक और चिराग से भी देश को बहुत उम्मीदें थीं. उन्होंने हाल के वर्षों में कई बड़े टूर्नामेंट जीते थे और उनसे मेडल जीतने की उम्मीद थी. लेकिन, दोनों की डबल्स जोड़ी क्वार्टर फाइनल में ही हारकर बाहर हो गई. सात्विक-चिराग का हारना इस ओलिंपिक में भारत के लिए पहली बड़ी निराशा रही.
3. निखत जरीन
भारतीय महिला मुक्केबाज निखत जरीन ने हाल के वर्षों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्हें विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल भी मिल चुका है. देश को उनसे भी बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन वे मेडल जीतने में नाकाम रहीं. वह क्वार्टर फाइनल में ही हार गईं और देश को गोल्ड तो छोड़िए, किसी भी रंग का मेडल नहीं दिला पाईं.
4. विनेश फोगाट
भारतीय महिला कुश्ती की स्टार विनेश फोगाट से भी देश को बहुत उम्मीदें थीं. उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीते हैं और देश को ओलंपिक में पदक दिलाने की उम्मीद थी. वह उम्मीदों पर खरी भी उतरीं, फाइनल में जगह बनाई, लेकिन मुकाबले से पहले महज 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण उन्हें मेडल हाथ से गंवाना पड़ा.
अगर विनेश फाइनल खेल भर लेतीं तो देश का मेडल पक्का हो जाता, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. विनेश का मेडल नहीं जीत पाना पूरे देश के लिए सदमे की तरह रहा, जिससे हर भारतीय का दिल टूट गया.