नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान पीआर श्रीजेश ने सोमवार को संन्यास का ऐलान कर दिया। श्रीजेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ये जानकारी दी। श्रीजेश ने कहा कि पेरिस ओलंपिक उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। श्रीजेश ने एक्स पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया। इसमें अपने शुरुआती दिनों से लेकर टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने तक की कहानी साझा की।
328 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके श्रीजेश इस साल अपना चौथा ओलंपिक खेलेंगे। वह एक दशक से भी ज़्यादा समय से भारतीय हॉकी टीम के लिए दीवार की तरह काम कर रहे हैं और उन्होंने कई बड़े टूर्नामेंट खेले हैं, जिनमें तीन ओलंपिक, कई कॉमनवेल्थ गेम्स और विश्व कप शामिल है। बता दें कि पीआर श्रीजेश टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे और उन्होंने हॉकी में पदक के सूखे को खत्म करने में अहम रोल निभाया था।
36 वर्षीय श्रीजेश ने अपने शानदार करियर के दौरान लगातार समर्थन के लिए अपने परिवार, टीम के साथियों, कोच और प्रशंसकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "जब मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपने अंतिम अध्याय की दहलीज पर खड़ा हूं, तो मेरा दिल कृतज्ञता से भर गया है। यह यात्रा असाधारण से कम नहीं रही, और मैं अपने परिवार, टीम के साथियों, कोच और प्रशंसकों से मिले प्यार और समर्थन के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।"
श्रीजेश ने अपने बचपन के बारे में बात की,कैसे पिता ने उन्हें हॉकी प्लेयर बनाने के लिए त्याग किया। श्रीजेश ने लिखा, "मुझे अभी भी याद है कि मेरे पिता ने मेरी पहली किट खरीदने के लिए हमारी गाय बेच दी थी। उनके बलिदान ने मेरे अंदर एक आग जला दी, जिसने मुझे और अधिक प्रयास करने, बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया।"
टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीतने के अलावा, श्रीजेश ने इंचियोन 2014 और हांगझोऊ 2022 में दो गोल्ड मेडल सहित तीन एशियाई खेलों के पदक भी जीते हैं। पिछले साल हांगझोऊ में एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक से भी पुरुष टीम को पेरिस 2024 कोटा हासिल करने में मदद मिली थी। श्रीजेश ने कहा, "जैसा कि मैं पेरिस में अपने आखिरी खेल की तैयारी कर रहा हूं, मैं बहुत गर्व के साथ पीछे देखता हूं और एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ता हूं। मैं प्यार और समर्थन के लिए हमेशा आभारी हूं...आप सबका धन्यवाद मुझ पर इतना विश्वास करने के लिए।"