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Musheer Khan Half Century in Ranji Trophy Semi Final: सरफराज खान के छोटे भाई मुशीर खान मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में संकटमोचक साबित हुए। उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ मैच में अर्धशतक ठोका है।

नई दिल्ली। मुंबई और तमिलनाडु के बीच रणजी ट्रॉफी 2024 का सेमीफाइनल मुकाबला खेला जा रहा। इस मैच में तमिलनाडु की टीम पहली पारी में 146 रन पर ऑल आउट हो गई थी। इसके जवाब में मुंबई की पारी भी लड़खड़ा सी गई थी। 100 रन के भीतर ही आधी टीम पवेलियन लौट गई थी। मुंबई का हाल और बुरा होता अगर 19 साल के मुशीर खान टीम के लिए संकटमोचक ना बनते। मुशीर ने मुंबई की लड़खड़ाती पारी को संभालने का काम किया। वो 131 गेंद में 55 रन की पारी खेलकर आउट हुए। लेकिन, इस पारी की वजह से मुंबई पहली पारी में तमिलनाडु के स्कोर से आगे निकल पाई। 

तमिलनाडु के पहली पारी में 146 रन के स्कोर का पीछा करते हुए मुंबई ने दूसरे ओवर में ही पृथ्वी शॉ का विकेट गंवा दिया था। इसके बाद भूपेन लालवानी भी 15 रन की पारी खेलकर आउट हो गए। इस मुकाबले में टीम में आए श्रेयस अय्यर और कप्तान अजिंक्य रहाणे दोनों नाकाम रहे। श्रेयस तो तीन रन बनाकर बोल़्ड हो गए तो वहीं रहाणे भी 19 रन जोड़ सके। ऐसी मुश्किल परिस्थिति में मुशीर ने एक छोर संभालने का काम किया और टीम के स्कोर को 150 रन के पार पहुंचाने में अहम योगदान दिया। 

मुशीर खान ने मुंबई को संकट से उबारा
बता दें कि मुशीर खान ने रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में बड़ौदा के खिलाफ दमदार बल्लेबाजी की थी। उन्होंने अपने पहले फर्स्ट क्लास शतक को डबल सेंचुरी में तब्दील किया था। उन्होंने बड़ौदा के खिलाफ 203 रन की नाबाद पारी खेली थी। मुशीर की इसी पारी के बदौलत ही मुंबई की टीम रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंचीं थी। 

अंडर-19 विश्व कप में भी 360 रन ठोके थे
इससे पहले, मुशीर ने साउथ अफ्रीका में खेले गए अंडर-19 विश्व कप में शानदार बल्लेबाजी की थी। उन्होंने टूर्नामेंट में 60 की औसत से 360 रन बनाए थे। खबर लिखे जाने तक मुंबई ने पहली पारी में 7 विकेट के नुकसान पर 170 रन बना लिए थे और तमिलनाडु पर 20 रन से अधिक की बढ़त ले ली है। 

बड़े भाई सरफराज ने डेब्यू टेस्ट में 2 अर्धशतक जमाए थे
बता दें कि इससे पहले, मुशीर के बड़े भाई सरफराज खान ने राजकोट टेस्ट में भारत के लिए डेब्यू किया था और अपने पहले ही टेस्ट की दोनों पारियों में अर्धशतक जमाया था। दोनों ही मौकों पर सरफराज टीम इंडिया के लिए संकटमोचक साबित हुए थे। उन्होंने राजकोट में 62 और 68 रन की नाबाद पारी खेली थी और इन पारियों का भारत की जीत में बड़ा योगदान था। 

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