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Who Is Saumy Pandey: भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाने में रीवा के सौम्य पांडे का भी अहम रोल रहा। उन्होंने 17 विकेट झटके हैं। शिक्षक पिता सौम्य को डॉक्टर बनाना चाहते थे। लेकिन, वो क्रिकेटर बने और अब भारत को विश्व कप जिताने का लक्ष्य है।

Who Is Saumy Pandey: भारत छठी बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतेगा या नहीं? ये एक दिन बाद साफ हो जाएगा। रविवार को फाइनल में भारत की टक्कर ऑस्ट्रेलिया से बेनोनी में होगी। ये मुकाबला पिछले साल वनडे विश्व कप में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई खिताबी टक्कर का पार्ट-टू है। भारत को अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने में कई खिलाड़ियों का अहम रोल रहा है। इसमें बाएं हाथ के स्पिनर सौम्य पांडे का भी बड़ा हाथ है। सौम्य इस वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। 

टीम इंडिया के बाएं हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा को सौम्य पांडे अपना आयडल मानते हैं और जिस तरह जडेजा ने 2008 के अंडर-19 विश्व कप में गेंदबाजी की थी। ठीक उसी तरह, सौम्य ने भी इस बार के वर्ल्ड कप में दमदार गेंदबाजी की है। उन्होंने 8.47 की औसत और 2.44 की इकोनॉमी रेट से कुल 17 विकेट लिए हैं और उनके पास इस टूर्नामेंट में सबसे अधिक 21 विकेट लेने वाले साउथ अफ्रीका के पेसर क्वेना मफाका का रिकॉर्ड तोड़ने का मौका है। 

सौम्य पांडे का एक्शन जडेजा जैसा
सौम्य पांडे का एक्शन काफी हद तक रवींद्र जडेजा से मेल खाता है। वो जडेजा की तरह ही एक ही लाइन लेंथ पर लगातार गेंदबाजी करते हैं। साथ ही उनकी गेंद भी विकेट पर गिरने के बाद तेजी से बल्लेबाज के पास पहुंचती है। ऐसे में वो जडेजा की तरह ही बल्लेबाजों को परेशान करने में सफल हो रहे और उनकी तुलना भी जडेजा से हो रही। 

रवींद्र जडेजा को सौम्य अपना आयडल मानते
सौम्य को अलगा रवींद्र जडेजा माना जा रहा है। हालांकि, उनके पिता कृष्ण कुमार पांडे, जो मध्य प्रदेश के सीधी जिले के एक सरकारी स्कूल में हिंदी शिक्षक हैं, कहते हैं कि जडेजा से सौम्य की तुलना अनुचित है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, "मैं हिंदी पढ़ाता हूं, इसलिए अच्छे ग्रेड देने को लेकर थोड़ा सख्त हूं। अगर लोग उनकी तुलना रवींद्र जड़ेजा से कर रहे हैं तो यह उचित नहीं है।"

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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जडेजा से सौम्य की तुलना अनुचित: पिता
पिता ने कहा कि जडेजा ने 15 साल क्रिकेट खेला है, उन्होंने अपने करियर में 100 अंक अर्जित किए हैं। उन्होंने इस स्तर तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है और भारत के लिए कई मुकाबले जीते हैं। जबकि सौम्य को तो अभी अपने करियर में पहला अंक हासिल करना है। मुझे लगता है कि सौम्य अभी शून्य पर हैं।" 

सौम्य के कोच एरिल एंथोनी ऐसा नहीं मानते। उनके मुताबिक, सौम्य को जडेजा की बॉडी लेंग्वेज और खेल के प्रति समर्पण पसंद आता है। इसी वजह से वो जडेजा की हर हरकत को कॉपी करने की कोशिश करते हैं। वो आईपीएल जनरेशन का खिलाड़ी है। वो जडेजा को खेलते देख ही बड़ा हुआ है, इसलिए कोई भी उसे अपने आदर्श की नकल करने की कोशिश के लिए दोषी नहीं ठहरा सकता। मुझे यह भी लगता है कि उन्हें जडेजा के स्तर तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

परिवार सौम्य को डॉक्टर बनाना चाहता था
सौम्य का परिवार और शिक्षक उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। पिता ने कहा, "हम चाहते थे कि वह डॉक्टर बने। मेरी बेटी (अपूर्वा पांडे) की तरह, जिसका लक्ष्य शुरू से ही यूपीएससी परीक्षा पास करना था। वह नई दिल्ली में इसकी तैयारी कर रही हैं। दूसरी ओर, सौम्य को बचपन से ही क्रिकेट का नशा था। वो तभी खाना खाता था जब उसके हाथ में बल्ला होता था। इसलिए हमने उसे नहीं रोका और वो क्रिकेटर बन सके, इसलिए हम सीधी से रीवा शिफ्ट हो गए थे। यहां उसने एरिक सर की एकेडमी ज्वाइन की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

रणजी ट्रॉफी खेलना सौम्य का अगला लक्ष्य
अंडर-19 विश्व कप में सौम्य पांडे के प्रदर्शन को देखते हुए आईपीएल फ्रेंचाइजी इस खिलाड़ी से संपर्क साध रही है और कई टीमें उन्हें नेट बॉलर बनाना चाहती हैं। लेकिन, सौम्य ने इस ऑफर को इनकार कर दिया और वो भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं। इसी वजह से उनकी नजर पहले रणजी ट्रॉफी खेलने पर है। इससे पहले, उनके सामने विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का इम्तिहान है। अगर उसमें वो अव्वल नंबर से पास हुए तो उनके लिए रणजी ट्रॉफी दूर नहीं। 

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