नई दिल्ली। मुंबई और विदर्भ के बीच वानखेड़े स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेला जा रहा। इस मुकाबले में विदर्भ ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी थी। मुंबई की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। लंच तक ही टीम ने 109 रन के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए थे। लंच के बाद भी कहानी बहुत कुछ पहले जैसी ही रही और स्कोरबोर्ड पर 176 रन जुड़ते-जुड़ते मुंबई के चार और विकेट गिर गए। लेकिन, एक बार फिर शार्दुल ठाकुर मुंबई के लिए संकटमोचक बने।
शार्दुल ठाकुर ने 8वें नंबर पर आकर तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी की और विदर्भ के स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ खुलकर शॉट्स खेले। उन्होंने महज 37 गेंद में अर्धशतक ठोक डाला। इस दौरान उन्होंने 6 चौके और 2 छक्के मारे। ये फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शार्दुल की 12वीं फिफ्टी है। शार्दुल की इस दमदार पारी की बदौलत ही मुंबई की टीम 200 रन का आंकड़ा पार कर पाई। शार्दुल ने 7वें विकेट के लिए शम्स मुलानी के साथ 43, 8वें विकेट के लिए तनुष कोटिय़न के साथ 22 रन की साझेदारी की।
इससे पहले, शार्दुल ने रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में तमिलनाडु के खिलाफ शतक ठोका था। तब शार्दुल ने 109 रन की पारी खेली थी। उन्होंने मैच में कुल 4 विकेट भी लिए थे। इसी ऑलराउंड प्रदर्शन की वजह से शार्दुल को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। शार्दुल ने 109 रन की पारी में 13 चौके और 4 छक्के मारे थे।
शार्दुल की रणजी ट्रॉफी फाइनल की ये पारी बेहद खास है क्योंकि मुंबई की टीम ने एक समय 30 रन के भीतर ही 6 विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद शार्दुल ने एक सिर्फ छोर संभाला बल्कि काउंटर अटैकिंग क्रिकेट खेल टीम को 200 रन के स्कोर के पार पहुंचाया।