नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के एक क्रिकेट टूर्नामेंट में बड़ा अजीबो-गरीब वाकया हुआ। बैटर का मिडिल स्टम्प उखड़ गया लेकिन अंपायर ने उसे आउट नहीं दिया। इस मैच से जुड़ी तस्वीर भी वायरल वहो रही, जिसने सबको हैरान कर दिया। आखिर क्यों विकेट गिरने के बाद भी अंपायर ने बैटर को आउट नहीं दिया। इसकी क्या वजह है? ये जानने से पहले आपको ये बताते हैं कि इस पर फैंस क्या सोच रहे। 

अंपायर के इस फैसले को लेकर फैंस की राय बंटी हुई है। एक गुट जहां अंपायर के फैसले को सही ठहरा रहा, तो दूसरा इसे जायज नहीं मान रहा।

विरोध करने वाले गुट का मानना है कि अंपायर और ऑफिशियल्स को ये ध्यान रखना चाहिए था कि विकेट और बेल्स को इतनी कसकर नहीं लगाया जाना चाहिए था कि गेंद लगने के बाद भी विकेट तो गिर जाए लेकिन बेल्स अपनी जगह से हिली तक नहीं। 

 

बोल्ड होने के बाद बैटर को क्यों मिला जीवनदान?
ऑस्ट्रेलिया में ये अजीबोगरीब वाकया गिनिडेरा क्रिकेट क्लब और वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के बीच हुए मैच में हुआ था। गिनीडेरा के गेंदबाज एंडी रेनॉडल्स की गेंद पर वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के ओपनर मैथ्यू क्लीन बोल्ड हो गए थे।

इसके बाद रेनॉल्ड पवेलियन की तरफ लौटने लगे थे और फील्डिंग टीम विकेट का जश्न मनाने लगी थी। लेकिन जल्द ही इस जश्न का रंग फीका पड़ गया, जब सबने देखा कि स्टम्प तो गिर गया है लेकिन बेल्स अपनी जगह से हिली तक नहीं। 

इसके बाद बैटर वापस लौटा और काफी देर तक फील्ड अंपायर के बीच इसे लेकर बातचीत हुई, जिसके बाद बैटर को नॉट आउट करार दिया गया। आखिर क्यों अंपायर ने बैटर को वापस बुलाया। क्या कहता है नियम? 

क्या कहता है नियम?
क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब यानी एमसीसी के मुताबिक, "बैटर को उसी सूरत में आउट माना जाएगा, जब कम से कम एक बेल्स स्टम्प के ऊपर से हटी हो या एक या उससे ज्यादा विकेट जमीन पर गिर गई हो।"

वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के कप्तान सैम व्हाइटमैन ने बाद में ये माना कि वो अंपायर के इस फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैंने इससे पहले कभी ऐसे होते नहीं देखा है। मुझे नहीं लगता कि किसी और ने भी ऐसा कुछ देखा होगा। हम बैटर के वापस लौटने को लेकर खुश नहीं थे। बाद में हमने उन्हें जरूर आउट कर दिया, इससे सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि पूरी टीम खुश थी।"