नई दिल्ली। बीसीसीआई ने हाल ही में रेड बॉल क्रिकेट को बढ़ावा देने के इरादे से टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को मैच फीस के अलावा अलग से इंसेंटिव भी मिलेगा। बीसीसीआई की इस स्कीम की हर कोई तारीफ कर रहा। सुनील गावस्कर ने भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के इस फैसले को सही बताया है और उन्होंने रणजी ट्रॉफी को बचाए रखने के लिए एक सुझाव दिया है।
सुनील गावस्कर ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को रणजी ट्रॉफी में हिस्सा लेने वाले क्रिकेटरों की फीस तीन गुना करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे जो खिलाड़ी अलग-अलग कारण बताकर रणजी ट्रॉफी में खेलने से किनारा करते हैं, वो ऐसा करना बंद कर देंगे। बीसीसीआई ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी को दरकिनार करने पर ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया था।
रणजी ट्रॉफी की फीस तीन गुना करना चाहिए: गावस्कर
गावस्कर ने अपने फाउंडेशन 'चैंप्स' से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा, "बीसीसीआई द्वारा टेस्ट खेलने वालों को पुरस्कृत करना अद्भुत बात है, लेकिन मैं बीसीसीआई से यह भी अनुरोध करूंगा कि वह यह सुनिश्चित करे कि भारतीय टेस्ट टीम, के लिए रणजी ट्रॉफी फीडर का काम करती है, तो ऐसे में इसमें खेलने वाले खिलाड़ियों का भी ध्यान रखा जाए। अगर रणजी ट्रॉफी की फीस दोगुनी या तिगुनी की जा सकती है, तो निश्चित रूप से बहुत अधिक लोग रणजी ट्रॉफी खेलेंगे, और बहुत कम लोग इस टूर्नामेंट से बाहर होंगे।"
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मुंबई ने 42वीं बार रणजी ट्रॉफी जीती है
पिछले साल, बीसीसीआई ने रणजी ट्रॉफी विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दी थी। हालांकि, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) की घोषणा के बाद मुंबई को अतिरिक्त 5 करोड़ रुपये मिलेंगे। मुंबई ने हाल ही में वानखेड़े स्टेडियम में विदर्भ को 169 रनों से हराकर 42वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता।
गावस्कर ने बीसीसीआई से रणजी ट्रॉफी की तारीखों को पुनर्निर्धारित करने और सीमित ओवरों की चैंपियनशिप की मेजबानी से पहले अक्टूबर से दिसंबर तक प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए भी कहा।