नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट 15 फरवरी (गुरुवार) से राजकोट में खेला जाएगा। इस टेस्ट से पहले टीम इंडिया को एक और झटका लग गया है। केएल राहुल चोट की वजह से तीसरे टेस्ट से बाहर हो गए हैं। ऐसे में टीम सेलेक्शन की पहेली उलझ गई है। खासतौर पर केएल राहुल के चोटिल होने पर कप्तान रोहित शर्मा और टीम मैनेजमेंट के सामने ये सवाल खड़ा हो गया है कि तीसरे स्पिनर के रूप में कौन खेलेगा। इस रेस में कुलदीप यादव और अक्षर पटेल हैं। क्या ये दोनों खेलेंगे? या फिर किसी एक को मौका मिलेगा?
राजकोट टेस्ट में टीम इंडिया के लिए तीसरे स्पिनर का सेलेक्शन तीन समीकरणों पर निर्भर करेगा। आइए एक-एक कर इन सभी समीकरणों को समझते हैं।
क्या जडेजा तीसरा टेस्ट खेलने के लिए फिट हैं।
चोट के कारण रवींद्र जडेजा और केएल राहुल वाइजैग टेस्ट नहीं खेल पाए थे। जहां केएल राहुल राजकोट टेस्ट से बाहर हो गए हैं। वहीं, जडेजा की उपलब्धता फिटनेस टेस्ट पास करने पर निर्भर है। अगर जड़ेजा खेलने के लिए फिट हैं, तो उनके कुलदीप या अक्षर के स्थान पर वापस आने की उम्मीद है।
अक्षर पर कुलदीप को तरजीह मिल सकती है
विकेट निकालने की क्षमता के कारण कुलदीप के राजकोट टेस्ट में खेलने की संभावना अधिक है। खासकर तब जब कंडीशंस बैटिंग के अनुकूल हों। उन्होंने वाइजैग टेस्ट में तीन विकेट लिए थे और मैच के दौरान तीनों स्पिनर में सबसे किफायती रहे थे। उनकी कसी हुई लाइन लेंथ और रिस्ट स्पिनर को मिलने वाले अतिरिक्त उछाल की वजह से ही इंग्लैंड के बल्लेबाज वाइजैग टेस्ट में उनके खिलाफ स्वीप या रिवर्स स्वीप का इस्तेमाल ज्यादा नहीं कर पाए हैं।
जडेजा नहीं खेले तो कुलदीप-अक्षर दोनों को मौका मिल सकता
2023 की शुरुआत के बाद से, अक्षर ने 11 टेस्ट पारियों में 49.00 की औसत से सिर्फ आठ विकेट लिए हैं। उन्होंने इसी अवधि में 56.71 की औसत से रन बनाए हैं। लेकिन, राजकोट टेस्ट में अगर जडेजा की वापसी होती है तो फिर टीम इंडिया अक्षर पटेल की ऑलराउंड क्षमता की जगह कुलदीप यादव की विकेट लेने की काबिलियत को तरजीह देगी।
अगर जडेजा नहीं खेलते हैं तो फिर सेलेक्शन आसान हो जाएगा और प्लेइंग-11 में आर अश्विन के साथ कुलदीप और अक्षर पटेल दोनों खेलेंगे।
कैसी होगी राजकोट की पिच?
राजकोट का विकेट हमेशा बल्लेबाजी के लिए मुफीद माना जाता है। चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा ने यहां एक-एक तिहरा शतक और दो-दो दोहरे शतक बनाए हैं - लेकिन कई बार ऐसा हुआ है जब नतीजों के दबाव के कारण घरेलू टीम सौराष्ट्र को हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन, कई बार ऐसा हुआ है, जब रणजी ट्रॉफी में नतीजों की वजह से सौराष्ट्र को टर्निंग ट्रैक तैयार कराना पड़ा है। नतीजतन यहां 20 फर्स्ट क्लास मैच ऐसे रहे हैं, जहां 500 या उससे अधिक रन बने हैं। वहीं, 20 मैच ऐसे भी रहे हैं, जब टीम 150 या उससे कम स्कोर पर आउट हुई है।
सपाट पिच पर कुलदीप के खेलने की संभावना अधिक
इस वेन्यू पर अबतक दो टेस्ट हुए हैं। 2016 में भारत और इंग्लैंड के बीच राजकोट में हुआ हाई स्कोरिंग टेस्ट ड्रॉ रहा था और 2019 में वेस्टइंडीज पर भारत की एक पारी की जीत, जब मेजबान टीम ने 9 विकेट पर 649 रन बनाकर पारी घोषित की थी। दोनों टेस्ट में रिस्ट स्पिनर्स चमके थे। आदिल राशिद ने 2016 के टेस्ट में भारत के खिलाफ सात विकेट लिए थे और कुलदीप ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2019 में खेले गए टेस्ट में दूसरी पारी में पांच विकेट झटके थे।
राजकोट में पिच जितनी अधिक सपाट होगी, कुलदीप के खेलने की संभावना उतनी अधिक होगी।
क्या केएल राहुल की गैरहाजिरी से सेलेक्शन प्रभावित होगा?
अगर राहुल फिट होते तो वह राजकोट टेस्ट में श्रेयस अय्यर की जगह लेते, जिन्हें टीम से बाहर कर दिया गया है। अब जब केएल राहुल खुद तीसरे टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं हैं तो भारत को वाइजैग टेस्ट में डेब्यू करने वाले रजत पाटीदार और सरफराज खान या देवदत्त पडिक्कल में से एक को चौथे और दूसरे को 5वें नंबर पर खिलाना होगा। सरफराज और पडिक्कल दोनों ने अबतक टेस्ट नहीं खेला है।
केएस भरत के फॉर्म से बढ़ी परेशानी
आर अश्विन और केएस भरत भी कागज पर ही सही भारतीय बैटिंग को काफी गहराते देते हैं। हालांकि, मध्य क्रम में अनुभव की कमी और भरत के हालिया फॉर्म की वजह से भारतीय टीम मैनेजमेंट अक्षर पटेल को किसी तरह प्लेइंग-11 में लाना चाहेगा।
इसका सबसे रक्षात्मक तरीका तो ये हो सकता है कि कुलदीप यादव को राजकोट टेस्ट में न खिलाया जाए। वहीं, आक्रामक रणनीति ये हो सकती है कि अक्षर या वॉशिंगटन सुंदर को बतौर बैटिंग ऑलराउंडर चुनना होगा और सरफराज अहमद या देवदत्त पडिक्कल से ऊपर बैटिंग के लिए भेजना होगा। लेकिन, इससे बल्लेबाजी की गहराई को लेकर जो परेशानी खड़ी हुई है, उसका समाधान पूरी तरह नहीं होगा।
भारत सिर्फ एक पेसर के साथ खेल सकता
तीसरा विकल्प ये हो सकता है कि जसप्रीत बुमराह के रूप में सिर्फ एक तेज गेंदबाज को राजकोट टेस्ट में खिलाया जाए और बाकी 4 स्पिनर के साथ टीम इंडिया उतरे। हालांकि, अगर वाइजैग टेस्ट की तरह ही अगर रिवर्स स्विंग होती है और पिच पहले तीन दिन में बहुत अधिक टूटती नहीं है तो फिर भारत को बुमराह के वर्कलोड को कम करने के लिए दूसरा पेसर चाहिए होगा।
टीम कॉम्बिनेशन को देखकर तो यही लगता है कि भारत राजकोट टेस्ट में 2 तेज गेंदबाजों के साथ खेलेगा। क्योंकि मोहम्मद सिराज की वापसी हो गई है और मुकेश कुमार को भी स्क्वॉड में बरकरार रखा गया है। इसके अलावा आकाश दीप को अतिरिक्त पेसर के रूप में टीम से जोड़ा गया है।