नई दिल्ली। स्विटजरलैंड में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने पेरिस ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने के मामले में विनेश फोगट की अपील स्वीकार कर ली। सुनवाई पेरिस में सुबह 9:30 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे) होगी। भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे सुनवाई में विनेश की तरफ से पैरवी करेंगे। आपको बता दें कि हरीश साल्वे ने इंटरनेशनल कोर्ट में भारत की तरफ से कुलभूषण जाधव का केस लड़ा था और महज 1 रुपये फीस ली थी। 

विनेश फोगाट ने अपनी अपील का आधार तीन अलग-अलग बातों को बनाया है। पहला ये कि विनेश ने 6 अगस्त को अपनी वेट कैटेगरी में तीन बाउट जीते थे और इसलिए फाइनल में उनका प्रवेश वैध था। उन तीन मुकाबलों के बाद अपने शरीर को लड़ने लायक बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और खाने की जरूरत थी। इसलिए उसने जो वजन हासिल किया वो उसे कोई लाभ देने वाला नहीं था, बल्कि रिकवरी प्रोसेस का हिस्सा था। 

विनेश ने इस अपील के जरिए सिल्वर मेडल की मांग की है। विनेश को महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्री स्टाइल कैटेगरी के स्वर्ण पदक मुकाबले की सुबह ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, क्योंकि उनका वजन कथित तौर पर वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक था। CAS से हस्तक्षेप करने और उसे स्वर्ण पदक मुकाबला लड़ने की अनुमति देने के लिए उसकी प्रारंभिक अपील स्वीकार नहीं की गई थी, लेकिन रजत पदक देने की बाद की अपील पर सुनवाई की जाएगी।

विनेश का पहले दिन की सुबह वजन 49.9 किलोग्राम था और उस दिन वो तीन बाउट लड़कर फाइनल में पहुंचीं थीं। लेकिन सेमीफाइनल के अंत तक उनका वजन 52.7 किलोग्राम हो गया था। इसी वजह से उन्होंने फाइनल की एक रात पहले जागकर अपना वजन कम करने की पूरी कोशिश की। लेकिन, अगली सुबह गोल्ड मेडल के मुकाबले से पहले जब उनका वेट किया गया तो वो तय लिमिट से 100 ग्राम ज्यादा था और बाद में यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) के नियमों के अनुसार उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया।

विनेश के अयोग्य घोषित होने के बाद, क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ (जिन्हें विनेश ने अपने सेमीफाइनल में हराया था) ने स्वर्ण पदक मुकाबले में उनकी जगह ली, जिसे यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट ने जीता। विनेश की अपील संयुक्त रजत पदक से सम्मानित किए जाने की है।