नई दिल्ली। वेस्टइंडीज ने एक दिन पहले ऑस्ट्रेलिया को ब्रिसबेन में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में हराया था। ये 27 साल बाद वेस्टइंडीज की ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट जीत थी। वेस्टइंडीज की जीत के हीरो शमर जोसेफ रहे थे। हालांकि, चौथे दिन के खेल से पहले जोसेफ मिचेल स्टार्क की यॉर्कर से चोटिल हो गए थे। गेंद सीधा उनके पैर के अंगूठे पर आकर लगी थी। इसी वजह से जोसेफ को रिटायर हर्ट होकर मैदान से लौटना पड़ा था और 9 विकेट गिरने के बावजूद वेस्टइंडीज की पारी वहीं खत्म हो गई थी।
शमर जोसेफ की तकलीफ देखकर ये नहीं लग रहा था कि वो ब्रिसबेन टेस्ट के चौथे दिन गेंदबाजी करने आ सकेंगे। लेकिन, पेन किलर इंजेक्शन लेकर जोसेफ न सिर्फ मैदान में लौटे, बल्कि गाबा में ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ दिया। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोसेफ ने ये बताया कि चौथे दिन के खेल के शुरू होने से पहले उनकी अपने कप्तान क्रेग ब्रेथवेट से क्या बात हुई थी।
कप्तान ने मुझपर यकीन किया: जोसेफ
जोसेफ ने कहा, "ऐसा कप्तान हो, जो आपके बारे में ज्यादा नहीं जानता और जिसने आपको केवल फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए देखा है, जो आप पर विश्वास कर सकता है। मैंने उससे केवल इतना कहा कि मुझे गेंद दे दो। मैं खिलाड़ियों से कह रहा था, मैं मैदान से बाहर नहीं आ रहा हूं। इसलिए अगर कप्तान ये चाहते भी थे कि मैं बाहर आऊं या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं बस कप्तान ब्रेथवेट को गौरवान्वित महसूस कराना चाहता था और मुझे लगता है कि मैंने ऐसा किया।"
'याद नहीं कि जीत के बाद क्या किया'
जब जोसेफ से जीत के पलों को याद करने के लिए कहा गया तो उन्होंने माना कि मुझे कुछ भी याद नहीं। मुझे बस ये याद है कि आखिरी विकेट लेने के बाद मैं बाउंड्री तक दौड़ गया था और मेरे सभी साथी मेरे पीछे थे।
पैसों के लिए टेस्ट क्रिकेट नहीं छोड़ूंगा
इतना ही नहीं, जोसेफ ने ये यकीन दिलाया कि भले ही खिलाड़ियों के बीच में टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता घट रही है। लेकिन, उनकी प्राथमिकता रेड बॉल क्रिकेट है। उन्होंने कहा, "मैं वेस्टइंडीज के लिए खेलने के लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगा, चाहे मेरे पास कितना भी पैसा आए। मैं टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगा।''