What is Nightwatchman: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला राजकोट में खेला जा रहा है। आज मुकाबले का चौथा दिन है।  इससे पहले तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत ने दूसरी पारी में 2 विकेट खोकर 196 रन बना लिए थे और 322 रन की बढ़त प्राप्त की थी। कुलदीप यादव और शुभमन गिल क्रीज पर मौजूद थे। रोहित शर्मा और फिर रजत पाटीदार का विकेट गिरने के बाद भारत की ओर से कोई बल्लेबाज क्रीज पर नहीं आया। 

कुलदीप यादव को बतौर नाइटवॉचमैन मैदान पर भेजा गया। इससे पहले भारत की पहली पारी में भी सरफराज खान के आउट होने के बाद ध्रुव जुरेल और रविचंद्रन अश्विन मैदान पर आ सकते थे, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने कुलदीप यादव को बल्लेबाजी के लिए उतार दिया था। कुलदीप तब भी नाइटवॉचमैन की भूमिका में थे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह नाइटवॉचमैन क्या होता है। तो आइए टेस्ट क्रिकेट के इस टर्म को जानते हैं। 

ये भी पढ़ें: BCCI Update on R Ashwin : आर अश्विन तीसरे टेस्ट में खेलने के लिए लौटेंगे या नहीं? BCCI ने दिया बड़ा अपडेट

टेस्ट क्रिकेट में क्या होता है नाइटवॉचमैन

जब टेस्ट क्रिकेट में दिन का खेल खत्म होने में कुछ ही ओवर बचे हों और विकेट गिर जाता है तो टीम स्पेशलिस्ट बल्लेबाज को मैदान पर भेजने के बजाए गेंदबाज को बल्लेबाजी के लिए उतार देती है। इसी गेंदबाज को नाइटवॉचमैन कहा जाता है। इसके पीछे की मंशा स्पेशलिस्ट बल्लेबाज का विकेट बचाना होता है। नाइटवॉचमैन का काम मैदान पर जाकर दिन का खेल खत्म होने तक विकेट बचाए रखना होता है। दिन का खेल खत्म होने तक खिलाड़ी काफी थक चुके होते हैं, ऐसे में नाइटवॉचमैन को मैदान पर भेजा जाता है, ताकि अगले दिन बल्लेबाज फ्रेश माइंडसेट के साथ मैदान पर उतर सकें। 

दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर
पहली पारी में बतौर नाइटवॉचमैन आए कुलदीप ने 24 गेंदों का सामना किया था और 4 रन बनाए थे। दूसरी पारी में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की और 91 गेंदों पर 27 रन बनाए। 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं। इंग्लैंड ने सीरीज का पहला टेस्ट मैच 28 रन से जीता था। विशाखापत्तनम में खेले गए दूसरे मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड को 106 रन से हराया था। 

ये भी पढ़ें: Mike Procter: दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट के लिए बुरी खबर, इस दिग्गज खिलाड़ी का हुआ निधन