Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक्स 29 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। हाल ही में पेरिस ओलंपिक का समापन हुआ है, जिसमें भारत ने कुल 6 पदक जीते थे। पैरालंपिक्स का आयोजन 29 अगस्त से 8 सितंबर तक होगा। अब आपके मन में सवाल खड़ा हुआ होगा कि ओलंपिक तो समझ आता है, लेकिन पैरालंपिक्स आखिर होता क्या है? हम आपको बताते हैं कि पैरालंपिक्स में किस तरह के खेल और कैसे एथलीट भाग लेते हैं।
पैरालंपिक्स क्या होता है?
पैरालंपिक्स में खासतौर पर शारीरिक रूप से विकलांग एथलीट भाग लेते हैं। हालांकि पैरालंपिक्स के एथलीट ओलंपिक भी खेल चुके हैं। पैरालंपिक्स की शुरुआत साल 1948 में हुई, तब इसे स्टोक मैंडविल गेम्स कहा जाता है। आधिकारिक रूप से साल 1960 में इसे पैरालंपिक्स कहा गया, इसका मतलब ओलंपिक के समानांतर। पैरालंपिक्स का फ्लैग, निशान और मेडल ओलंपिक से अलग होते हैं।
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पैरालंपिक खेलों में ऐसे एथलीट योग्य
पैरालंपिक खेलों में शारीरिक, मानसिक, या बौद्धिक रूप से विकलांग एथलीट भाग ले सकते हैं। इन खेलों का आयोजन ओलंपिक खेलों के तुरंत बाद किया जाता है। इनमें अलग-अलग प्रकार के खेलों को शामिल किया जाता है, जो खास तौर पर विकलांग एथलीटों के लिए अनुकूलित होते हैं। पैरालंपिक खेलों का मकसद विकलांग एथलीटों को समान अवसर प्रदान करना होता है और उनके अनोखे कौशल और प्रतिभा को दुनिया के सामने लाना है।
पहली बार 84 एथलीटों का दल
पेरिस पैरालंपिक्स में भारत के पास 84 एथलीटों का दल है। भारतीय एथलीट 22 में से 12 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। पैरा साइकिलिंग, पैरा जूडो और पैरा रोइंग में पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। भारत अपने अभियान की शुरुआत पैरा बैडमिंटन, पैरा निशानेबाजी, पैरा तीरंदाजी, पैरा साइकिलिंग, पैरा ताइक्वांडो, पैरा तैराकी, और पैरा टेबल टेनिस में करेगा।