नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री और विराट कोहली के बीच बहुत अच्छा रिश्ता है। शास्त्री के कार्यकाल के अंत तक कोहली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे। शास्त्री ने कोहली को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि मैंने शुरू में ही कोहली के रूप में एक हीरे की पहचान कर ली थी। 

रवि शास्त्री ने माइकल अर्थटन को दिए इंटरव्यू में कहा, "व्यक्तिगत प्रतिभा तो बहुत थी लेकिन मैं टीम की प्रतिभा देखना चाहता था। मैं जीतना चाहता था और टेस्ट क्रिकेट को सबसे ऊपर ले जाना चाहता था और मैंने विराट कोहली में एक अनकटे हीरे की पहचान की थी जबकि (एमएस) धोनी तब कप्तान थे, लेकिन मेरी नजर उन (कोहली) पर थी। मैंने टीम डायरेक्टर बनने के बाद अपने दूसरे महीने की शुरुआत में ही कोहली से कप्तानी को लेकर कहा था कि इसमें समय लगेगा लेकिन, अभी से तैयार रहो (कप्तानी के लिए)। 

कोहली में मैंने हीरे की पहचान कर ली थी: शास्त्री
शास्त्री ने आगे कहा, "कोहली पूरी तरह से टेस्ट क्रिकेट से समर्पित थे। वो जुनूनी थे। वह कड़ी मेहनत करने के साथ ही कठिन क्रिकेट खेलने के लिए तैयार थे, जो मेरी सोच से पूरी तरह से मेल खेला था। जब आप ऑस्ट्रेलिया या पाकिस्तान से खेलते हैं तो आपको 'कोई शिकायत नहीं'... 'कोई बहाना नहीं' वाला रवैया रखना होता है। अच्छी पेस यूनिट बनाने के मामले में कोहली की राय मेरे जैसी ही थी। बाकी इतिहास है क्योंकि भारत ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो टेस्ट सीरीज जीती और इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज भी ड्रा कराई थी।"

टीम इंडिया के पूर्व कोच ने इस इंटरव्यू में जसप्रीत बुमराह की भी जमकर तारीफ की और कहा कि बुमराह से पूछे बिना ही ये मान लिया गया था कि वो व्हाइट बॉल क्रिकेट के गेंदबाज हैं। लेकिन, वो टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते थे और उसमें बेहतर करने का ही उनका बड़ा लक्ष्य था। वो कोहली के साथ खेलने को लेकर बेहद उत्सुक थे और आज इस मुकाम पर हैं।