Praveen Kumar Gold medal: प्रवीण कुमार ने शुक्रवार को पेरिस पैरालिंपिक में भारत के लिए छठा स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने मेंस हाई जंप T64 इवेंट में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। उन्होंने टोक्यो 2020 पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीता था और पेरिस में अपने पद का रंग बदलने में सफल रहे। अमेरिका के डेरेक लोकिडेंट ने 2.06 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ रजत पदक जीता। पोलैंड के मैसीज लेपियाटो और उज्बेकिस्तान के टेमुरबेक गियाजोव ने 2.03 मीटर की छलांग लगाकर संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया और इस स्पर्धा में दो कांस्य पदक जीते।
प्रवीण का जन्म उत्तर प्रदेश के नोएडा के गोविंदगढ़ में हुआ था और उन्होंने कम उम्र में ही सफलता हासिल कर ली थी। वे टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के पैरा-एथलीट बने थे। वहां, उन्होंने मेंस हाई जंप टी64 श्रेणी में 2.07 मीटर की प्रभावशाली छलांग लगाकर रजत पदक हासिल किया। प्रवीण के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा। उनके पैर जन्म से ही छोटे थे। इसी वजह से वो हीन भावना से जूझते रहे और इन असुरक्षाओं से लड़ते हुए उन्होंने खेलों में हिस्सा लेना शुरू किया।
हालाँकि, प्रवीण कुमार की जिंदगी में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब उन्होंने सक्षम एथलेटिक्स प्रतियोगिता हाई जंप इवेंट में भाग लिया, जिससे उन्हें विकलांग एथलीट्स के लिए अलग-अलग इवेंट के बारे में पता चला। इसके बाद पैरा-एथलेटिक्स कोच डॉ. सत्यपाल सिंह उनकी प्रतिभा को पहचाना और इसके बाद प्रवीण ने अपना ध्यान हाई जंप पर केंद्रित किया।
यह निर्णय सही साबित हुआ क्योंकि प्रवीण ने एशियाई पैरा गेम्स 2022 में 2.05 मीटर की छलांग के साथ एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 2019 में स्विट्जरलैंड के नॉटविल में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स जूनियर चैंपियनशिप में रजत और 2021 में दुबई में विश्व पैरा एथलेटिक्स FAZZA ग्रांड प्री में एशियाई रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक भी जीता था। हाल ही में, उन्होंने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2023 में कांस्य पदक जीता था और पेरिस 2024 पैरालिंपिक के लिए क्वालिफाई किया था।