नई दिल्ली। टी20 वर्ल्ड कप 2024 में एक और लो स्कोरिंग मैच हुआ, जिसमें साउथ अफ्रीका ने बांग्लादेश पर 4 रन से रोमांचक जीत दर्ज की। न्यूयॉर्क के नसाऊ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस मैच में बैटिंग के लिए मुश्किल विकेट पर पहले खेलते हुए साउथ अफ्रीका ने 113 रन बनाए थे। जवाब में बांग्लादेश टीम 7 विकेट पर 109 रन बना सकी और मैच हार गई। हालांकि, मैच खत्म होने के साथ ही विवाद भी होने लगा। बांग्लादेश को 17वें ओवर में एक विवादित नियम की वजह से 4 रन नहीं मिले थे और अंत में बांग्ला टाइगर्स इतने ही अंतर से मैच हारे।
आईसीसी के एक नियम की वजह से बांग्लादेश को साउथ अफ्रीका के खिलाफ हार मिली। अगर ये नियम नहीं होता तो मैच टाई होता और फिर सुपर ओवर अमल में आता। ऐसा क्यों हुआ, आइए ये बताते हैं। दरअसल, बांग्लादेश की पारी के 17वें ओवर की दूसरी गेंद महमुदुल्लाह के पैड पर लगने के बाद चौके के लिए चली गई। साउथ अफ्रीका ने LBW की अपील की और अंपायर ने आउट दे दिया। महमुदुल्लाह ने इसके बाद DRS लिया और वो बच गए लेकिन इसके बाद भी उन्हें यह बाउंड्री नहीं मिली।
क्या है आईसीसी का नियम?
क्रिकेट के नियम के मुताबिक, LBW की अपील के खिलाफ अगर अंपायर बैटर को आउट दे देते हैं तो गेंद वहीं डेड मान ली जाती है। अगर बैटर डीआरएस में बच भी जाता है तो उस गेंद पर जो रन बनते हैं, वो उसके या टीम के खाते में नहीं जुड़ते हैं।
बांग्लादेश को नहीं मिले 4 रन
आईसीसी के क्रिकेट नियमों के कानून 23.1(a)(iii) के मुताबिक, अगर रिव्यू के बाद आउट का फैसला नॉट आउट में तब्दील होता है, तो ओरिजिनल निर्णय के समय गेंद को अभी भी डेड माना जाएगा। इसी वजह से महुमूदुल्लाह नॉट आउट होने के बाद भी लेग बाय को चौका हासिल नहीं कर पाए।
आईसीसी के नियम को हटाने की उठी मांग
इस मामले में अगर अंपायर का ओरिजिनल डिसीजन नॉट आउट होता तो फिर अंपायर को बांग्लादेश को चार लेग बाई रन देने के लिए बाध्य होना पड़ता। ऐसे में बांग्लादेश को कम रन चेज करने पड़ते और मैच का नतीजा कुछ और होता। अगर नॉट आउट के बाद साउथ अफ्रीका ने अंपायर के फैसले के खिलाफ DRS लिया होता तो ओरिजिनल डिसीजन बांग्लादेश के पक्ष में बरकरार रखा जाता और बांग्लादेश को 4 रन मिल जाते।
आईसीसी के इस नियम को हटाने की लंबे वक्त से मांग हो रही। बांग्लादेश की हार के बाद भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वसीम जाफर ने भी इस नियम पर सवाल उठाए।