नई दिल्ली। श्रीलंका के खिलाफ व्हाइट बॉल सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान हुआ तो उसमें भविष्य की टीम इंडिया कैसी होगी? इसकी तस्वीर नजर आ गई। ये बतौर हेड गौतम गंभीर की पहली सीरीज है और टीम सेलेक्शन से ये साफ हो गया कि गौतम अपनी जिम्मेदारी को लेकर कितने गंभीर है। इस टीम से ये साफ हो गया कि अगले दो-तीन साल में भारतीय क्रिकेट किस दिशा में बढ़ेगा। श्रीलंका दौरे के लिए अलग-अलग रोल के लिए अलग-अलग खिलाड़ियों को चुना गया है। 

हार्दिक पांड्या की जगह सूर्यकुमार यादव को टी20 टीम की कमान सौंपने के अलावा, अजीत अगरकर की अगुवाई वाली सेलेक्शन कमेटी ने कुछ खिलाड़ियों को शामिल और बाहर किया गया, जिससे पता चलता है कि अगले तीन वर्षों में टीम किस दिशा में आगे बढ़ेगी। 

टी20 के कप्तान सूर्या वनडे टीम में क्यों नहीं?
पिछले साल के वनडे वर्ल्ड कप में, एकमात्र खिलाड़ी जिसने अपनी छाप छोड़ने के लिए संघर्ष किया, वह सूर्यकुमार यादव थे। प्रारूप में 37 मैचों में, उनका औसत सिर्फ 26 है और वनडे में पारी को गति देने की उनकी क्षमता चिंता का बड़ा कारण है। पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से पहले सिर्फ 6 वनडे मैच बचे होने के कारण, चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया है और अब वे अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, खासकर उन लोगों पर जो गेंदबाजी कर सकते हैं क्योंकि इससे उन्हें गहराई मिलेगी।

सूर्यकुमार की तरह ही, हार्दिक पंड्या भी वनडे टीम से बाहर हैं। भारत के पास उनकी जगह कोई दूसरा तैयार सीम बॉलिंग ऑलराउंडर नहीं है, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी पर ध्यान केंद्रित करने के कारण, वे बॉलिंग ऑलराउंडर की भूमिका के लिए अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर को देख रहे। लेकिन चर्चा है कि आईपीएल में प्रभावित करने वाले नीतीश रेड्डी को संभावित सीम बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में देखा जा रहा है। यह समझा जाता है कि पंड्या के लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, लेकिन उन्हें घरेलू सर्किट में यह साबित करना होगा कि वह लगातार 10 ओवर गेंदबाजी कर सकते हैं।

क्या जडेजा का वनडे करियर खत्म?
टी20I से पहले ही संन्यास ले चुके रवींद्र जडेजा का वनडे में भी समय खत्म हो सकता है, खासकर अक्षर पटेल की सफ़ेद गेंद वाली क्रिकेट में ऑलराउंडर प्रतिभा को देखते हुए। अक्षर ने सीमित मौकों पर दिखाया है कि वह सफ़ेद गेंद वाली क्रिकेट में बल्ले और गेंद से जडेजा से आगे हैं और कप्तान रोहित शर्मा ने भी उन्हें क्रम में ऊपर भेजने का भरोसा दिखाया है। और भारत में बाएं हाथ के बल्लेबाजों को फ्लोटर के रूप में इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति को देखते हुए, अक्षर इस सोच में पूरी तरह से फिट बैठते हैं क्योंकि उनका इस्तेमाल अब व्हाइट बॉल क्रिकेट में जडेजा के विकल्प के रूप में आसानी से किया जा सकता है। इससे टीम को एक अतिरिक्त गेंदबाज या बल्लेबाज खिलाने की आजादी मिलेगी। 

रियान को क्यों वनडे-टी20 टीम में जगह मिली?
गौतम गंभीर हमेशा से ही एक खिलाड़ी के रोल को लेकर मुखर रहे हैं। बतौर कॉमेंटेटर भी उन्होंने खुलकर ये बात कही है। यह एक ऐसा पहलू है जिस पर मौजूदा सेलेक्शन कमेटी ने कोई समझौता नहीं किया, जैसा कि टी20 विश्व कप टीम के चयन में दिखा। परंपरा को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने रियान पराग को टीम में शामिल किया है, जो घरेलू क्रिकेट में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने के आदी हैं। विजय हजारे ट्रॉफी में, पराग पिछले कुछ सत्रों में लगातार प्रदर्शन करने वालों में से रहे हैं, उन्होंने अपने खेल में बदलाव किए बिना अपनी पारी को गति देने की अपनी क्षमता दिखाई है।

फिर चाहें जल्दी विकेट गिरने के बाद पारी को संभालना हो या रनों की रफ्तार को गति देनी होगी। पराग दोनों रोल में फिट और हिट दिखे हैं। इसी वजह से सेलेक्टर्स और कोच गंभीर ने उनपर भरोसा दिखाया और उन्हें टी20 के साथ ही वनडे टीम में भी जगह मिली। पराग लोअर ऑर्डर बैटर का रोल निभाने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। वो बल्ले के साथ-साथ गेंद से भी योगदान दे सकते हैं।