नई दिल्ली। भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट बुधवार को पेरिस ओलंपिक से डिस्क्वालिफाई हो गईं। बुधवार सुबह 50 किलो भार वर्ग फ्री स्टाइल के फाइनल के लिए उनका वजन किया गया था। उनका वेट तय लिमिट से 100 ग्राम अधिक था। इसी वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। यानी अब वो फाइनल में नहीं उतर सकेंगी और पेरिस ओलंपिक से विनेश खाली हाथ लौटेंगी।
कॉम्बैट स्पोर्ट्स (कुश्ती, बॉक्सिंग, जूडो) में वजन कम करना एक ऐसी लड़ाई है, जिससे एथलीट्स को गुजरना ही पड़ता है। ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने एक बार मज़ाक में कहा था कि एथलीट सिर्फ़ वजन घटाने के लिए ही पदक के हकदार हैं।
कॉम्बैट स्पोर्ट्स में वज़न कम करना क्या है?
यह वह प्रक्रिया है, जिसमें एक एथलीट किसी प्रतियोगिता से पहले, समय-समय पर अपना वज़न कम करता है। एथलीट आम तौर पर दो हफ़्ते पहले से अपना वज़न कम करना शुरू कर देते हैं और धीरे-धीरे अपने शरीर के वज़न का लगभग 10% घटा लेते हैं। उदाहरण के लिए: अगर किसी एथलीट का वज़न 60 किलोग्राम है और वह 57 किलोग्राम की स्पर्धा में भाग ले रहा है, तो वह अपने वज़न घटाने की योजना इस तरह बनाएगा कि वह दो हफ़्तों में धीरे-धीरे तीन किलो वज़न घटाए।
वजन घटाने का सबसे कठिन हिस्सा क्या है?
वजन करने से पहले के आखिरी 24 घंटे। यह वह समय होता है जब एथलीट वजन घटाने के लिए संघर्ष करते हैं और लगातार कई घंटों तक पसीना बहाने वाले सूट में कार्डियो, स्टीम और सॉना सेशन में जमकर मेहनत करते हैं। इतना ही नहीं, जितना मुमकिन हो सके वो शरीर में मौजूद तरल पदार्थ (पानी) को कम करने की कोशिश करते हैं ताकि उनका वजन कम हो जाए। एथलीट कुछ ग्राम वजन कम करने के लिए अपने बाल तक कटाने से गुरेज नहीं करते हैं। शरीर से पानी कम करने के चक्कर में खिलाड़ी इतना थक जाते हैं कि कई बार सो तक नहीं पाते हैं।
क्या दो बार वजन कम किया जाता है?
हां, पहलवानों को प्रारंभिक दौर की सुबह और फाइनल के दिन वजन कराना होता है। विनेश ने प्रारंभिक दौर से पहले मंगलवार की सुबह आराम से वजन कम किया, लेकिन बुधवार की सुबह, अपने फाइनल के दिन, उनका वजन 50 किलोग्राम की सीमा से 100 ग्राम अधिक निकला।
वजन कम करने के बाद क्या होता है?
जब आप इवेंट की सुबह वजन कम करते हैं, तो आप अपने शरीर को इलेक्ट्रोलाइट्स और कार्बोहाइड्रेट और कुछ प्रोटीन से पोषण देते हैं, जिससे आपको पूरे दिन लड़ने की ताकत मिलती है। कुश्ती में, पहले दिन पहलवानों को तीन बाउट लड़नी होती है तो इसी वजह से ताकत और पोषण का प्रबंधन करना अहम हो जाता है और साथ में ये भी पक्का करना होता है कि वे बहुत ज्यादा न खाएं क्योंकि इससे उनका वजन बहुत ज्यादा बढ़ सकता है। इस पूरी कवायद में शरीर थककर चूर हो जाता है। ऐसे में आप जो भी खाते या पीते हैं शरीर उसे सोख लेता है या यूं समझे कि इससे वजन बढ़ जाता है।
वजन घटाने के बारे में नियम क्या कहते हैं?
United World Wrestling के रूल बुक के आर्टिकल 8 कहता है, "इवेंट की सुबह पहलवानों का पहली बार वजन किया जाता है। इसके बाद फाइनल और रेपेचेज के लिए क्वालिफाई हुए पहलवानों का दूसरे दिन की सुबह फाइनल से पहले फिर वजन किया जाता है। जब दूसरी बार वजन लिया जाता है तो किसी तरह की छूट नहीं मिलती है। विश्व कप और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट (UWW रैंकिंग इवेंट को छोड़कर) के लिए 2 किलोग्राम वजन की छूट मिलती है।
साथ ही, UWW के अनुच्छेद 11 में कहा गया है, "सभी प्रतियोगिताओं के लिए, संबंधित वजन श्रेणी के लिए हर सुबह पहलवानों का वेट किया जाता है। वजन-माप और मेडिकल कंट्रोल 30 मिनट तक चलता है। जबकि दूसरे दिन सिर्फ उन्हीं पहलवानों को वजन के लिए आना होता है, जो या तो रेपेचेज या फाइनल बाउट में जगह बनाने में सफल होते हैं। इनका वजन मापने का काम 15 मिनट चलता है।
पेरिस ओलंपिक में विनेश से पहले तीन और एथलीट को वजन की गड़बड़ी की वजह से डिस्क्वालिफाई किया गया। इसमें स्टीवन मिचिक (सर्बिया) - पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा, बतिरबेक त्साकुलोव (स्लोवाकिया) - पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और डेनिला सेमेनोव (रूस) - पुरुष लाइट हैवीवेट (80-92 किग्रा) शामिल हैं।