Begusarai Hindi News: भीषण गर्मी के बीच बुधवार को बिहार के बेगूसराय में सरकारी स्कूल की 18 बच्चे बेहोश हो गए। शिक्षकों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उपचार जारी है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने घटना पर चिंता जताते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं। कहा, जानेलवा गर्मी के बावजूद स्कूल क्यों खोले जा रहे हैं? 

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बेगूसराय जिले के मटिहानी प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय मटिहानी में बुधवार को भीषण गर्मी के चलते एक एक कर 18 बच्चे बेहोश हो गए। सभी को मटिहानी रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां बच्चों का उपचार जारी है। 

तेजस्वी बोले-बिहार में न लोकतंत्र रह गया, न सरकार
बेगूसराय में बुधवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री के ऊपर है। भीषण गर्मी के चलते घर के बाहर निकलना दूभर हो रहा है, इसके बावजूद स्कूलों की छुट्टी नहीं दी गई। तेजस्वी यादव ने इस पर चिंता जताते हुए कहा, बिहार में न लोकतंत्र रह गया है, न सरकार रह गई है। केवल अफसरशाही हावी है। यहां मुख्यमंत्री की बात भी नहीं सुनी जाती।

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डॉक्टर भी लू में न निकलने की सलाह देते हैं
तेजस्वी यादव ने कहा, बिहार के सीएम इतने कमजोर क्यों हो गए? 47 डिग्री तापमान है, लू चल रही है, छोटे बच्चों का ध्यान देना चाहिए। डॉक्टर भी लू में बाहर न निकलने की सलाह देते हैं। बिहार के स्कूल भी इस स्तर के नहीं हैं कि बच्चे सुरक्षित रह सकें, लेकिन मुख्यमंत्री को पता नहीं किन लोगों ने घेर रखा है।

अभिभावकों ने जताई चिंता 
अभिभावकों ने भी भीषण गर्मी में स्कूल संचालन पर सवाल उठाए हैं। बताया कि शिकायत करने पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश का हवाला दिया जाता है। अब 42 से 45 डिग्री तापमान के कारण बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। किसी को कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदारी लेगा। 

शिक्षक बोले-इस गर्मी में बंद हाेने चाहिए स्कूल 
स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय सुबह 6 बजे से संचालित होता है। इस समय भीषण गर्मी से लोग परेशान हैं। विद्यालय में पढ़ रहे छात्र एवं छात्राएं बुधवार सुबह बेहोश होकर नीचे गिर रहे हैं। इस गर्मी में स्कूल बंद करने का आदेश जारी करना चाहिए। 

उपचार के बाद सभी बच्चे ठीक हैं: डीएम 
बेगूसराय के DM रोशन कुशवाहा ने बताया कि मटिहारी स्कूल में कुछ छात्राओं की तबीयत खराब हुई है। उपचार के बाद तबीयत ठीक है। इस तरह की घटनाओं की निगरानी के लिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया है। साथ ही तबीयत खराब होने की सूचना मिलने पर स्कूल में ही प्राथमिक उपचार के लिए जरूरी चीजें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।