पटना। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में साढ़े पांच वर्ष बाद रामलला का मंदिर बना तो पूरे देश में उत्सव का माहौल है। 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है। इसके लिए देशभर में व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। वहीं मंदिर निर्माण के श्रेय को लेकर भी खूब सियासत गर्म है। सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल के एक पोस्टर ने इस विवाद और बढ़ा दिया है।

बिहार की राजधानी पटना में राबड़ी आवास के बाहर लगा पोस्टर, जिसमें मंदिर को बताया गया मानसिक गुलामी का प्रतीक। 

भाजपा ने किया पलटवार
पटना में राबड़ी आवास के बाहर लगे पोस्टर में मंदिर को मानसिक गुलामी का प्रतीक बताया गया है। भाजपा नेता इस पर आक्रोशित हो गए और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करने लगे। सोशल मीडिया पोस्टर पर पलटवार करते हुए INDIA को राम विरोधी गठबंधन बताया। हालांकि, गठबंधन के अन्य सहयोगी दल पोस्टर वाली बात पर सहमति नहीं हैं। JDU प्रवक्ता ने बयान जारी कर आपत्ति जताई है।

भाजपा ने RJD के पोस्टर पर पलटवार करते हुए INDIA गठबंधन को बताया राम विरोधी


मनोज झा बोले-आस्था मेरी निजी चीज़
राजद सांसद मनोज झा ने कहा , मेरी आस्था मेरी निजी चीज़ है। इसके अशोभनीय सार्वजनिक प्रदर्शन से भगवान भी व्यथित होंगे। 22 जनवरी की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद 'मर्यादा पुरुषोत्तम' स्वयं धरती पर आएं तो... पीएम मोदी से सवाल पूछिए, वो पूछेंगे कि मेरे युवाओं के लिए रोजगार कहां है और देश में इतनी महंगाई क्यों है?

मंदिरों ने दिलाई सांस्कृतिक गुलामी से मुक्ति
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा, INDI गठबंधन के लोग जो सनातन पर लगातार हमला और हिंदूधर्म को अपमानित करते रहते हैं। मन में जो आता है, हिंदू देवी-देवताओं के बारे में बोल देते हैं। आज देश के करोड़ों लोग जिस राम मंदिर में जाने की तैयारी कर रहे हैं। उसे गुलामी का प्रतीक बताना, जबकि मंदिर इस देश में जो सांस्कृतिक गुलामी थी उससे मुक्ति का प्रतीक है।