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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने कहा बिहारी में सियासी उलटफेर की संभावनाओं के बीच शनिवार को बैठक की। बैठक के बाद जीतन ने NDA के साथ जाने का ऐलान कर दिया।

Bihar political crisis RJD Congress alliance Jitan Ram Manjhi: बिहार में दो दिन पहले शुरू हुई सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। नीतीश कुमार इस सियासी उथल पुथल के केंद्र में हैं। वहीं, दूसरी पार्टियां नीतीश के पाला बदलने से पहली बाकी बची गुंजायश टटोलने में लगी है। सबसे ज्यादा तनाव में लालू प्रसाद की अगुवाई वाली RJD और कांग्रेस है। नीतीश कुमार की JDU इन दोनों पार्टियों के साथ ही गठबंधन में थी। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, कांग्रेस और राजद ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(हम) को भी तोड़ने की कोशिश की लेकिन, सफलता नहीं मिली। 

मांझी ने आरजेडी-कांग्रेस का ऑफर ठुकराया
जीतन राम मांझी की पार्टी ने शनिवार को बैठक की। इसके बाद मांझी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जहां पीएम मोदी रहेंगे, वहीं 'हम' पार्टी रहेगी। शुक्रवार को यह खबर आई थी कि लालू यादव ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर किया है। वहीं उनके बेटे संतोष मांझी को डिप्टी CM का पोस्ट देने की पेशकश की गई थी। शनिवार को ही जीतन के बेटे ने कहा था कि एक दो दिन में बिहार में सरकार गिरने लगी है। जीतन राम ने कहा था कि खेला हो रहा है या नहीं सब को पता है।

राहुल गांधी ने फोन पर की जीतन मांझी से बात
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने भी जीतन राम मांझी से फोन पर बातचीत की। राहुल गांधी ने जीतन राम मांझी को इंडिया गठबंधन में शामिल होने का न्यौता दिया। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री ने यह ऑफर स्वीकार करने से इनकार कर दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि भूपेश बघेल राहुल गांधी की ओर से बातचीत करने के लिए जीतन राम मांझी से जल्द मुलाकात कर सकते हैं। 

मांझी के पास महज चार विधायक, फिर भी वे अहम क्यों?
जीतन राम मांझी के पास महज चार विधायक हैं। इसके बावजूद भी मौजूदा समय में बिहार की सत्ता में बदलाव लाने या फिर इसे रोकने के लिहाज से अहम हैं। आरजेडी के 79 विधायक, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक मौजूदा महागठबंधन सरकार में शामिल हैं। अगर वह लालू के खेमे में जाते हैं तो महागठबंधन सिर्फ सत्ता बनाने के लिए जरूरी मैजिक फिगर 122 से महज चार सीट दूर ही रह जाएगा। यही वजह है कि कांग्रेस और लालू दोनों ही जीतन राम मांझी को रिझाने में लगी थी। 

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