Bihar Politics: अब एक बार फिर बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। हाल ही अमित शाह द्वारा दिए गए बयान के बाद जदयू के नेताओं के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। अमित शाह से जब नीतीश कुमार की पार्टी से गठबंधन को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि प्रस्ताव आएगा, तो इस बारे में सोचेंगे। जबकि, इससे पहले शाह के साथ-साथ अन्य बीजेपी के नेता ये कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार के साथ अब कोई समझौता नहीं होगा। लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता। बिहार की राजनीतिक पारा तब और बढ़ गया, जब बीजेपी ने शुक्रवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई।
हाई कमान की हां, तो नीतीश से दिक्कत नहीं
भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रेम कुमार ने कहा है कि अगर बीजेपी हाई कमान सहमति जताती है, तो नीतीश कुमार से कोई परहेज नहीं है। हम उनका एनडीए में स्वागत करेंगे। बीजेपी एमएलसी दिलीप जयसवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देखते जाइए आगे क्या-क्या होता है।
जीतनराम मांझी ने भी कही बड़ी बात
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी 19 जनवरी को सुबह बिहार की राजनीति में चल रही हलचल पर बयान दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ''दिल्ली में रहने के बावजूद बिहार के वर्तमान राजनैतिक हालात पर मेरी नजर है। राज्य के राजनैतिक हालात को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने सभी माननीय विधायकों को आगामी 25 जनवरी तक पटना में ही रहने का निर्देश दिया है। जो भी हो राज्यहित में होगा।''
नीतीश से अचनाक मिलने क्यों पहुंचे लालू?
दरअसल, कहा जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) बिहार के 40 लोकसभा सीटों में से 17 पर अपनी दावेदारी चाहती है, लेकिन राजद और कांग्रेस इसे लेकर राजी नहीं है। कहा ये भी जा रहा है कि I.N.D.I.A गठबंधन का चेहरा नहीं बनाए जाने से नीतीश कुमार नाराज हैं। हालांकि, इन बातों में कितनी सच्चाई है ये तो नीतीश कुमार ही बता सकते हैं।
बता दें कि, 2024 लोकसभा के चुनाव से पहले लालू और नीतीश की मुलाकात को अहम माना जा रहा है। लेकिन, बिहार की राजनीति में कब क्या हो जाए ये सिर्फ नीतीश कुमार ही जानते हैं। नीतीश के रिश्ते जितने अच्छे राजद के साथ हैं, उतने ही अच्छे बीजेपी के नेताओं से भी हैं। इस बात को खुद नीतीश कुमार भी समय-समय पर कहते रहे हैं। 2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी दोनों गठबंधन में लड़ी थी और सरकार बनाने में कामयाब हुई थी।