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Bihar Politics: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी नई टीम तैयार की है। इस टीम में वशिष्ठ नारायण सिंह को अहम जिम्मेदारी दी गई है। जबकि, ललन सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

Bihar Politics: नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने शनिवार को अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की नई सूची जारी की, जिसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंजूरी दी। कुमार के करीबी सहयोगी और राज्यसभा सांसद नेता वशिष्ठ नारायण सिंह को जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। जबकि, हाल ही में ललन सिंह द्वारा पद छोड़ने के बाद खुद नीतीश कुमार ने अध्यक्ष पद ग्रहण किया। मीडिया में पार्टी का सबसे चर्चित चेहरा केसी त्यागी को नीतीश कुमार  के "राजनीतिक सलाहकार और प्रवक्ता" के रूप में नामित किया गया है।

महासचिवों की संख्या 22 से घटाकर 11 कर दी गई
पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिवों की संख्या घटाकर 11 कर दी गई है, जबकि पिछले साल मार्च में सामने आई सूची में सचिवों की संख्या 22 थे। उस दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह थे। हालांकि, बाद में उन्होंने ये कहते हुए राष्ट्रीय पद से इस्तीफा दिया कि उन्हें अपने लोकसभा क्षेत्र में समय देना है। लेकिन खबरें ऐसी भी चली कि ललन सिंह की नजदीकियां राजद से बढ़ रही थी और पार्टी तोड़ने का भी आरोप उनपर लगा। अब, जब पार्टी की नई सूची जारी की गई तो ललन सिंह को कहीं भी जगह नहीं मिली, उन्हें बिलकुल साइड कर दिया गया।

राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए संजय कुमार झा
जनता दल यूनाइटेड ने संजय कुमार झा को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। झा राष्ट्रीय महासचिवों की सूची में शामिल होने वाले बिहार के एकमात्र मंत्री हैं। ललन झा I.N.D.I.A गठबंधन के सभी बैठकों में शामिल हुए हैं। इसके अलावा मंगनी लाल मंडल, रामनाथ ठाकुर, अली अशरफ फातमी, कहकंशा परवीन, आफाक आलम, श्री भगवान सिंह कुशवाहा, पिल हरिश्चंद्र पाटिल, राज सिंह मान, इंजीनियर सुनील कुमार और रामसेवक सिंह  को भी राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है।

पार्टी द्वारा जारी किए गए सूची के अनुसार, पार्टी के दूसरे प्रवक्ता राजीव रंजन को बनाया गया है, जो सीएम के गृह जिले नालंदा के पूर्व विधायक हैं। रंजन पिछले साल भाजपा का दामन छोड़कर जेडीयू में लौट आए थे। हालांकि उनसे राष्ट्रीय महासचिव का पद छीन लिया गया है।

राज्य की सियासी पारा हाई
बिहार की राजनीतिक हलचल तेज है। ऐसी खबरें और संकेत लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं और भाजपा से हाथ मिला सकते हैं। इन खबरों को हवा तब और मिल गई जब बीते दिन लालू यादव के साथ तेजस्वी यादव नीतीश कुमार से मिलने सीएम हाउस पहुंच गए। हालांकि, जदयू नेता और राजद के नेता कहते रहे हैं कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक है। लेकिन, राजनीति में कब क्या हो जाए कौन जानता है?

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