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Nitish Kumar Bihar Politics Update: बिहार में एक बार फिर राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं। लोकसभा चुनाव के नजदीक आने से पहले सियासी घटनाक्रम तेजी से बदलता जा रहा है।

Nitish Kumar Bihar Politics Update: बिहार के राजनीतिक गलियारे में बड़ी तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अगले कदम को लेकर चल रही अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं। लोकसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ सियासी घटनाक्रम तेजी से बदलता हुआ नजर आ रहा है।

आइए जानते है इससे पहले सीएम नीतीश ने कब-कब मारी पलटी

1994 में लालू यादव के खिलाफ विद्रोह
साल 1994 में नीतीश कुमार ने लालू यादव का साथ छोड़कर लोगों को पहली बार चौंका दिया था। जनता दल से किनारा करते हुए नीतीश ने जॉर्ज फ़र्नान्डिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया था। इसी दौरान उन्होंने 1996 में बीजेपी और समता पार्टी का गठबंधन हुआ। हालांकि, साल 2003 में समता पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU)बन गई।

साल 2013 में एक झटके में भाजपा के साथ 17 साल पुराना रिश्ता किया खत्म
साल 2013 में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2014 के लिए जब नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया तो नीतीश कुमार को यह रास नहीं आया और उन्होंने बीजेपी से 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कुर्सी अपनी सरकार के मंत्री और दलित नेता जीतन राम मांझी को सौंप दी।

आरजेडी और कांग्रेस के साथ 'महागठबंधन'
नीतीश कुमार ने साल 2015 में एक बार फिर पुराने सहयोगी लालू यादव और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर  विधानसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में सबसे ज्यादा मजेदार बात यह थी कि आरजेडी जेडीयू से अधिक सीट लेकर आई। इसके बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री व बड़े बेटे तेजप्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री बने।

2017 में फिर नीतीश एनडीए में शामिल
2017 में दो पुराने साथियों की सरकार 20 महीने तकठीक से चलती रही लेकिन फिर खटपट शुरू हो गई। अप्रैल 2017 में शुरू हुई खटपट ने जुलाई तक गंभीर रूप ले लिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन नीतीश कुमार को फिर एक बार मुख्यमंत्री बन गए। इस सत्ता पलट का पूरा घटनाक्रम 15 घंटे के भीतर हुआ।

2022 में नीतीश ने सुनी 'अंतरात्मा की आवाज'
नीतीश ने एक बार फिर 2022 में 'अंतरात्मा की आवाज' सुनी और भाजपा से असहमति के कारण एनडीए छोड़ दिया। इसके बाद नीतीश ने फिर महागठबंधन के साथ मिलकर फिर सरकार बनाई।

जानिए अभी क्या है विधानसभा में सदस्यों की तादाद
2020 विधानसभा चुनाव में जदयू ने 115, भाजपा ने 110 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा था। भाजपा ने 74 सीटें, तो नीतीश ने सिर्फ 43 सीटों पर ही जीत हासिल की।
वर्तमान में बिहार के विधायकों की संख्या की बात करें तो राजद 79 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं भाजपा के 77, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, वाम दलों के 16, एआईएमआईएम का 01, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के  04 विधायक और 01 निर्दलीय विधायक हैं।

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