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BPSC 70th PT Re-Exam: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा का री-एग्जाम शनिवार(4 जनवरी) को पटना के 22 परीक्षा केंद्रों पर हुआ। 13 दिसंबर, 2024 को हुई परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ी के बाद रद्द की गई परीक्षा की जगह री-एग्जाम हुआ।

BPSC 70th PT Re-Exam: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा का री-एग्जाम शनिवार(4 जनवरी) को पटना के 22 परीक्षा केंद्रों पर हुआ। यह री-एग्जाम 13 दिसंबर, 2024 को हुई परीक्षा के दौरान बापू परीक्षा परिसर में गड़बड़ी के कारण रद्द की गई परीक्षा की जगह पर हुआ। करीब 12,000 अभ्यर्थियों री-एग्जाम में शामिल हुए। जिला प्रशासन ने परीक्षा से पहले छात्रों की चेकिंग के लिए खास तैयारियां की थी। इस बीच पटना में बीपीएसी के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन जारी है। पीके, पप्पू यादव, तेजस्वी यादव और लेफ्ट की पार्टियों छात्रों के प्रदर्शन को समर्थन दे रहे हैं। 

री-एग्जाम पर छात्रों की मिली-जुली राय
री-एग्जाम देने आए छात्रों ने इस परीक्षा पर अपनी मिली जुली राय जाहिर। कुछ छात्रों ने कहा कि यह री-एग्जाम महज एक औपचारिकता है। वहीं, कुछ छात्रों ने कहा कि री-एग्जाम कराना बेहद जरूरी था। कई अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा में पहले ही गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं और सिर्फ एक केंद्र पर री-एग्जाम कराने से निष्पक्षता नहीं हो सकती। छात्रों का कहना है कि सभी परीक्षा केंद्रों की परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा ली जानी चाहिए थी।

12,000 अभ्यर्थियों ने दिया री-एग्जाम
इस री-एग्जाम में करीब 12,000 अभ्यर्थी शामिल हुए। 13 दिसंबर की परीक्षा के बाद छात्रों के विरोध और गड़बड़ी के आरोपों को ध्यान में रखते हुए बीपीएससी ने यह फैसला लिया। पटना में 22 परीक्षा केंद्रों पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए। सभी छात्रों की फ्रिस्किंग के बाद एंट्री दी गई। हर एक छात्र का आधार कार्ड चेक करने और बायोमिट्रिक्स जांच के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने की इजाजत दी गई। ठंड की वजह से छात्रों को जूते पहनकर अंदर जाने की इजाजत दी गई लेकिन उनके बेल्ट उतवरा लिए गए। वाटर बॉटल, पेन और एडमिट कार्ड के अलावा कुछ भी परीक्षा केंद्र के अंदर ले जाने की इजाजत नहीं थी।

सुरक्षा में जिला प्रशासन ने कसी कमर
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई। सभी केंद्रों पर मजिस्ट्रेट और सशस्त्र बल तैनात किए गए। परीक्षा के दौरान किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए। 22 केंद्रों पर 24 स्टेटिक मजिस्ट्रेट, 22 जोनल मजिस्ट्रेट और सात उड़नदस्ता दल तैनात किए गए हैं। उड़नदस्ता सभी 22 परीक्षा केंद्रों पर औचक निरीक्षण करेगी।

राजनीतिक दलों ने किया छात्रों का समर्थन
री-एग्जाम की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक दलों का समर्थन मिला। वामपंथी दलों ने 6 जनवरी को राज्यव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की। युवा कांग्रेस ने मशाल जुलूस निकालकर छात्रों के आंदोलन को समर्थन दिया। प्रशांत किशोर ने तीन दिनों तक आमरण अनशन किया। पप्पू यादव ने भी छात्रों के हक में अपनी लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया। प्रशांत किशोर ने दावा किया कि बीपीएससी की परीक्षा के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षा माफिया और नेताओं और बीपीएससी की दलील सौदेबाजी कर चुके हैं। यही वजह है कि सरकार सभी परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द नहीं करवाना चाहती। 

BPSC ने पेपर लीक को बताया अफवाह
BPSC अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने स्पष्ट किया कि 13 दिसंबर की परीक्षा में केवल बापू परीक्षा परिसर की परीक्षा रद्द की गई। उन्होंने कहा कि पेपर लीक की अफवाहें गलत हैं। परीक्षा को निष्पक्ष बनाने के लिए यह री-एग्जाम कराया गया। उन्होंने कहा कि री-एग्जाम का रिजल्ट मुख्य परीक्षा के साथ ही जारी होगा।  रवि मनुभाई ने कहा है कि री-एग्जाम के दौरान सभी एग्जाम सेंटर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजायश नहीं रहे। 

री-एग्जाम के बावजूद छात्र नाराज
इस बीच री-एग्जाम के बावजूद छात्रों का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ है। छात्र अभी भी पटना के गांधी मैदान में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों ने मांग की है कि सभी परीक्षा केंद्रों की एग्जाम रद्द की जाए और दोबारा परीक्षा ली जाए। बता दें कि बीपीएससी परीक्षा में हुई धांधली और नार्मलाइजेशन के विरोध में छात्र बीते 20 दिनों से ज्यादा से आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार को छात्रों ने गर्दनीबाग में धरना दिया और राज्यभर में चक्का जाम किया। छात्रों का कहना है कि परीक्षा में गड़बड़ी से उनका भविष्य खतरे में है।  

री-एग्जाम के दौरान प्रशासन सख्त
परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए। परीक्षा एक शिफ्ट में आयोजित हुई। छात्रों को सुबह 11 बजे के बाद परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया। सभी केंद्रों पर सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा गया। परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले सभी अभ्यर्थियों की जांच की गई। एग्जाम सेंट पर तैनात किसी भी स्टाफ को साथ में माेबाइल या दूसरे किसी भी प्रकार के उपकरणों को ले जाने की इजाजत नहीं दी गई।

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