Land for Jobs Case: बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। राजद (राष्ट्रीय जनता दल) प्रमुख लालू यादव सोमवार को ED के समक्ष पेश हुए। लालू यादव से ईडी की पूछताछ सोमवार रात 9 बजे खत्म हो गई। लालू यादव सुबह 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे। आरजेडी नेता से करीब 10 घंटे तक सवाल-जवाब चला। 

सोमवार को लालू को ईडी ऑफिस बुलाए जाने की सूचना मिलते ही पटना ईडी दफ्तर के बाहर लालू के समर्थकों का हुजूम लग गया। इसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया था। लालू यादव सोमवार रात जैसे ही ईडी दफ्तर से बाहर निकले, बाहर खड़े समर्थकों ने नारा लगाकर अपने नेता का स्वागत किया। 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें नौकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। रेलवे मंत्री रहते लालू यादव व उनके बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप है। ED ने इस मामले में पूछताछ के लिए लालू यादव को 29 जनवरी और तेजस्वी यादव को 30 जनवरी को बुलाया था।   

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को ED का नोटिस मिलने के बाद से राजद कार्यकर्ताओं व उनके समर्थकों में आक्रोश है। सोमवार के उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी ED दफ्तर पहुंच गए और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे। 
 

जो भी लोग उनके साथ नहीं हैं समन मिल जाता है
प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती ने इसे बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई बताया। कहा, कोई नई बात नहीं है। जो नेता भी विपक्ष में हैं और भाजपा के साथ नहीं आ रहा, समन भेज दिया जाता है। जब भी कोई एजेंसी बुलाती है तो हमारा परिवार जाता है और सवालों का जवाब देता है। 

आरोप-पत्र में पत्नी और बेटियों के नाम 
यह मामला यूपीए सरकार के समय की है, जब लालू यादव रेल मंत्री बने थे। 9  जनवरी को ईडी ने आरोप-पत्र दाखिल किया था। इसमें लालू की पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटियों सांसद मीसा भारती और हेमा यादव सहित परिवार के अन्य सदस्यों के नाम शामिल हैं। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सांसद मनोज झा ने इसे  प्रतिशोध की राजनीति बताया। साथ ही कहा था कि सियासी फायदे के लिए भाजपा सरकार विपक्षी दलों के खिलाफ ED का उपयोग करती है।