Patna Metro Accident: पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत टनल निर्माण के दौरान एक गंभीर हादसा हो गया। मिट्टी उठाने वाली मशीन (लोको) का ब्रेक फेल हो जाने से दो मजदूरों की जान चली गई। हादसा इतना भीषण था कि दोनों मजदूरों के शव कई टुकड़ों में कट गए। पटना यूनिवर्सिटी के पास जमीन से लगभग 60 फीट नीचे यह टनल निर्माण कार्य चल रहा था। घटना के बाद वहां मौजूद अन्य मजदूरों और इंजीनियरों में अफरा-तफरी मच गई।
टनल निर्माण के दौरान मच गई अफरातफरी
टनल में हादसे के वक्त करीब 25 से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। अचानक मशीन का ब्रेक फेल हो गया और वह तेज गति से काम कर रहे मजदूरों की तरफ बढ़ी। घटनास्थल पर मौजूद मजदूरों ने अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना शुरू किया। हादसे के बाद मेट्रो के अधिकारियों में भी हलचल मच गई और कई अधिकारी घटना स्थल से तुरंत भाग निकले। प्रशासन द्वारा अब तक कार्य को पूरी तरह से रोक दिया गया है।
हादसे के बाद मजदूरों का गुस्सा फूटा
इस हादसे के बाद मजदूरों में गुस्सा फूट पड़ा। मजदूरों ने मेट्रो के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए हंगामा किया। उन्होंने इस हादसे को मेट्रो प्रबंधन की लापरवाही करार दिया। मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रवक्ता मोनिषा दुबे ने कहा कि यह हादसा मिट्टी उठाने वाली मशीन के ब्रेक फेल हो जाने की वजह से हुआ है। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
6 लोगों का अस्पताल में चल रहा ईलाज
पटना सदर एसडीएम गौरव कुमार ने कहा कि पीरबहोर थाना क्षेत्र के एनआईटी मोड़ के पास निर्माणाधीन पटना मेट्रो सुरंग में सोमवार रात 10 बजे बड़ा हादसा हुआ। पटना मेट्रो हादसे में अब तक दो मजदूरों की मौत हो चुकी है। एक की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, जबकि दूसरे की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। एसडीएम ने बताया कि छह लोगों का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
टनल का निर्माण गांधी मैदान तक
टनल का निर्माण मोइनउल हक स्टेडियम से शुरू होकर पटना यूनिवर्सिटी और आगे गांधी मैदान तक किया जा रहा है। डेढ़ किलोमीटर लंबाई में टनल का एक हिस्सा पहले ही पूरा हो चुका था और अब पटना यूनिवर्सिटी से गांधी मैदान तक के हिस्से में कार्य जारी था। निर्माण कार्य के दौरान हुई इस घटना ने मेट्रो प्रोजेक्ट की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पटना मेट्रो में दूसरा बड़ा हादसा
यह पटना मेट्रो में दूसरा बड़ा हादसा है। कुछ दिन पहले भी पटना डिपो में एक मजदूर की मौत हो चुकी है। उस समय भी निर्माण के दौरान लापरवाही सामने आई थी, जब हाईवा की चपेट में आकर एक मजदूर ने अपनी जान गंवा दी थी। लगातार हो रही इन घटनाओं से मजदूरों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है और मेट्रो प्रबंधन की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।