BPSC Protest: जनसुराज का बड़ा ऐलान, प्रशांत किशोर कल तोड़ेंगे अनशन, बनेगी आगे की रणनीति
Prashant Kishor Hunger Strike: जनसुराज के मुखिया प्रशांत किशोर 16 जनवरी को अपना अनशन तोड़ देंगे। पार्टी की ओर जारी बयान में कहा गया है कि आगे की रणनीति बनाई जाएगी।;

Prashant Kishor Hunger Strike: प्रशांत किशोर 16 जनवरी को दोपहर 12 बजे अपना अनशन समाप्त करेंगे। जन सुराज संगठन ने इस बात की पुष्टि की है। साथ ही पार्टी की ओर से जानकारी दी गई है कि प्रशांत किशोर गंगा पथ स्थित जन सुराज कैंप में आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे। बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग को लेकर किशोर पिछले 14 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। बिहार पुलिस ने उन्हें इस मामले में गिरफ्तार भी किया था और उन्हें कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ा था।
जन सुराज का आधिकारिक बयान
जन सुराज ने अपने बयान में कहा कि पार्टी के नेता प्रशांत किशोर कल (16 जनवरी) युवाओं और जन सुराज परिवार के सम्मान में अपना अनशन समाप्त करेंगे। यह हड़ताल बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था और भ्रष्ट परीक्षा प्रणाली के खिलाफ थी। अनशन समाप्त करने के साथ ही आंदोलन के अगले चरण की घोषणा होगी।
राज्यपाल ने अनशन खत्म करने की अपील की थी
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने जनसुराज के मुखिया प्रशांत किशोर से भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की थी। उन्होंने किशोर से कहा था कि वे एक छात्र प्रतिनिधि को बातचीत के लिए भेजें और समस्या के समाधान के लिए हर संभव कदम उठाने का आश्वासन दिया।
BPSC अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मिले महामहिम राज्यपाल महोदय, सुनिए क्या बातचीत हुई ? https://t.co/0K2Zb0E2kQ
— Jan Suraaj (@jansuraajonline) January 13, 2025
बीपीएससी ने प्रशांत किशोर को भेजा लीगल नोटिस
दूसरी ओर, बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने प्रशांत किशोर समेत कई अन्य लोगों और कोचिंग संचालकों को लीगल नोटिस भेजा है। यह नोटिस 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) में लगे आरोपों के संबंध में जारी किए गए हैं।
बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि आयोग ने राजनेताओं, कोचिंग सेंटर से जुड़े लोगों और अन्य को नोटिस भेजे हैं जिन्होंने बीपीएससी पर निराधार आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और नोटिस भेजे जाएंगे।
अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने की कर रहे हैं मांग
बीपीएससी की 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया जा रहा है। अभ्यर्थियों का मानना है कि इस परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। इसलिए पूरी परीक्षा को रद्द किया जाए और दोबारा एग्जाम कराया जाए। लेकिन आयोग ने इन आरोपों को नकार दिया और री-एग्जाम कराने से मना कर दिया है।