रायपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर कांग्रेस देशभर में राहुल गांधी के नेतृत्व में न्याय यात्रा कर रही है। न्याय यात्रा के छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। AICC सदस्य और छत्तीसगढ़ कांग्रेस महासचिव अरुण सिंह सिसोदिया ने पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है। 

 
 

सिसोदिया ने अपने इस्तीफे का कारण पूर्व सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार रहे विनोद वर्मा और उनके अन्य साथियों को बताया है। सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि, वर्मा समानांतर संगठन चल रहे हैं और उनके कामों कई तरह से भी हस्तक्षेप करते हैं। अपने इस्तीफे में अरुण सिंह सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए लिखा कि, विनोद वर्मा और उनके साथी उन पर कई प्रकार से दबाव बनाते हैं। जिसके चलते पहले उन्हें प्रदेश महामंत्री पद से हटाया गया है। उसके बाद फिर मुझे प्रभारी महामंत्री संगठन और प्रशासन से हटा दिया गया है। ये सब मेरे लिए अपमानित करने जैसा है। 

विनोद वर्मा के हस्तक्षेप के कारण हारे चुनाव 

उन्होंने आगे लिखा कि, पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी, मैंने उसे हमेशा निभाया है। मैंने 18,300 बूथ कमेटियों का गठन किया और मेरा लक्ष्य 23,902 का था। मेरे यह लक्ष्य उनके रोक-टोक और हस्तक्षेप के कारण पूरा नहीं हो पाया। जिसको मैं 2023 विधानसभा चुनाव में हार की मुख्य वजह मानता हूं। विनोद वर्मा के पास संगठन से जुड़े कई दस्तावेज है। जिसे पीसीसी ऑफिस लाया जाय। वैशाली नगर से मेरे टिकट की दावेदारी थी, लेकिन कमजोर प्रत्याशी उतारा गया। इससे पार्टी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। जबकि मैंने 20 साल पार्टी की सेवा की है लेकिन कुछ वर्ष पहले आए लोगों को बघेल सरकार में उपकृत किया गया। यह सब कुछ चुनिंदा लोगों के इशारों पर हुआ।

सचिन पायलट समेत शीर्ष नेताओं को भेजा इस्तीफा 

अरुण सिंह सिसोदिया ने अपने इस्तीफे की प्रतिलिपि छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट सहित अन्य नेताओं को भेजी है। अन्य नेताओं में नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत, सह प्रभारी -विजय जांगिड़, चंदन यादव, सप्तगिरी उल्का और प्रदेश महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू भी शामिल हैं।