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राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर पूरे देशभर में उत्साह है। राजिम-नवापारा शहर के गांवों के लोग चंदखुरी कौशिल्या माता मंदिर पहुंचे। मंदिर में उन्होंने छेवारी, लड्डू और फल-फुल चढ़ाया है।

सोमा शर्मा-नवापारा-राजिम। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के स्थापना का उत्साह नवापारा-राजिम के गांवों में भी नजर आ रहा है। मंगलवार को जौंदी गांव से बेटी के मायके परंपरा का निर्वाह करते हुए चंदखुरी गांव में माता कौशल्या के लिए छेवारी, लड्डू, फल-फुल पहुंचाए गए हैं।

Laddus and fruits sent to daughter's mother's house from Jaundi village
 

जौंदी गांव के पूर्व सरपंच टीकम चंद साहू अपने पूरे परिवार सहित चंदखुरी पहुंचे। गांव पहुंचकर उन्होंने बेटी के मायके में होने वाले परंपरा का निर्वहन किया। बातचीत के दौरान सरपंच टीकम चंद साहू ने बताया कि, रामलला अपने बाल रूप में अयोध्या में विराजमान हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि, कौशल्या माता छत्तीसगढ़ की बेटी हैं। भांचे के जन्म की सारी परंपरा गांव वालों द्वारा निभाई जा रही है। जिसकी शुरुआत हमारे द्वारा माता कौशल्या के लिए फल, लड्डू पहुंचाकर कर दिया गया है। 

पूरे गांव में अक्षत चावल बांट दिया गया निमंत्रण 

उन्होंने आगे कहा कि, इसके पहले सोमवार को पूरे गांव में घूमकर प्रत्येक घरों में जाकर अयोध्या में रामलला की स्थापना का निमंत्रण पत्र चावल के साथ सौंपे गए। पूरे गांव में अक्षत कलश यात्रा निकाली गई है, जिसमें बड़ी संख्या में गांव वासी शामिल हुए।

हनुमान मंदिर में होगा भव्य आयोजन 

रामलला के स्थापना के दिन जौंदी गांव में छट्टी की समस्त परंपरा निभाते हुए सुबह से ही कांके पानी, छट्टी-भात बनाकर हनुमान मंदिर से गावों में वितरित किया जाएगा। रामायण पाठ करते हुए दिनभर प्रसादी बांटी जाएगी। रामलला के स्थापना दिवस के दिन पूरे गावों में हर घर में दिवाली की तरह दीपों की रौशनी की जायेगी।

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