रायपुर। छत्तीसगढ़ में ईडी कोल लेवी केस की जांच में जुटी हुई है। ED ने ऑनलाइन सट्‌टा ऐप मामले में अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी जोड़ लिया है। कोल लेवी केस में एक नया मोड़ आया है, पूछताछ के लिए ईडी को कोर्ट से अनुमति मिल गयी है। वहीं दूसरी तरफ राजनीति भी तेज हो गई है। 

दरसअल, ED ने जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ के कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके तहत ED जेल में बंद 10 आरोपियों से पूछताछ करना चाहती थी, ताकि जांच का दायरा बढ़ाया सके और मनी लांड्रिंग में शामिल अन्य चेहरे भी सामने आ सकें। जिसको लेकर अब कोर्ट ने ED को जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ करने के लिए अनुमति दे दी है। ED ने कोल लेवी केस में 540 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। ED का कहना है कि, अब तक उन्हें 221 करोड़ की राशि का हिसाब नही मिला है। 

ये 10 अधिकारी और कारोबारी जेल में हैं बंद 

कोल लेवी केस में आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू, पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, शिव शंकर नाग, संदीप कुमार नायक, सुनील अग्रवाल, दीपेश टांक और निखिल अग्रवाल जेल में बंद हैं। जिनसे अब ED पूछताछ करेगी। ED का कहना है कि, पूछताछ के बाद कई और नामों का खुलासा हो सकता है। 

चार्जशीट में पूर्व सीएम बघेल का भी नाम

ED ने ऑनलाइन सट्‌टा ऐप मामले में अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम लिखा है। दावा है कि सट्‌टा ऐप के काम से जुड़े लोगों से 508 करोड़ रुपए लिए गए। अब भाजपा और कांग्रेस इस मामले में आमने-सामने है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजनीतिक आकाओं के इशारे पर ईडी काम कर रही है।

मंत्री रामविचार बोले- गड़बड़ी नहीं तो डर क्यों 

वहीं मंत्री रामविचार नेताम ने इस मामले में कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि अगर गड़बड़ी नहीं है तो उनको डरने की बात क्या है? अगर गड़बड़ी है तो ED हो या आयकर विभाग हो यह सभी जांच तो करेंगे ही, ऐसे ही छोड़ दें? जांच के लिए एजेंसी बनी है तो अपना काम करेगी। जो संवैधानिक अधिकार प्रदत्त है एजेंसियों को उसके तहत ही कार्रवाई करेंगे।

भूपेश बोले- मुझे फंसाने की कोशिश 

पूर्व CM का नाम आने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे उसने जेल से अपने लिखित बयान में कह दिया है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है। उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया। अब ED दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है। यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं।