पंकज भदौरिया-दंतेवाड़ा। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर पूरा देश 22 जनवरी की प्रतीक्षा में तन-मन से तैयारियों में लगा हुआ है। अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां सम्पूर्ण भारत में ही नही पूरे विश्व मे हर्षोल्लास के साथ की जा रही है। ऐसे में देवी दंतेश्वरी की पावन भूमि दंतेवाड़ा में भी आवराभाटा में रेलवे फाटक के पास वर्ष 2002 में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने एक ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर की नींव रखी गई थी।
जिस स्थान पर भगवान श्री राम और माता जानकी की मूर्ति की विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा कर लोगों के लिए राम मंदिर बनवाया गया है। किंतु आज की स्थिति में इस मंदिर के पटद्वार के ताले जड़े रहते हैं और मंदिर में पूजा अर्चना भी लगातार नही होती है। यहां दंतेवाड़ा वासियों में बहुत से लोग इस मंदिर का आज दर्शन नहीं कर पाए हैं। बड़ा सवाल तो यह है कि, आखिर दंतेवाड़ा नगर में बने इस मंदिर में दर्शनार्थी जाते क्यों नहीं हैं। दरअसल, यह राम मंदिर रेलवे फाटक के पास सार्वजनिक रूप से जरूर तैयार हुआ था। लेकिन जिस स्थान पर यह मंदिर बना है वह स्थान मंदिर में निवासरत सरिता वीइके के नाम से है जो कि, एक निजी भूमि है।
मंदिर में हुए थे हथियार बरामद
इस मंदिर में वर्ष 2007-2008 में कुछ उपद्रवियों ने मंदिर के अंदर हथगोला और एक देशी हथियार रखवा दिया था। हथियारों की जब्ती के बाद उस समय के तात्कालिक एसपी राहुल शर्मा ने ट्रस्ट से जुड़े लोगों पर कार्यवाही भी थी। जिसके बाद इस आस्था के केंद्र में लोकआस्था और जनभावनाओं की चिंता करे बिना भू स्वामी एकाधिकार दिखाने लगी। जिसके चलते आज भी मंदिर में साफ-सफाई और रंग रोगन तक नही हो पा रहा है।
विश्व हिंदू परिषद ने कराया था मंदिर निर्माण
बातचीत के दौरान ब्रह्मचारी महाराज ने इस मंदिर को लेकर कहा कि, वर्ष 2002 में इस मंदिर की नींव ट्रस्ट बनाकर की गई. ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया था। मंदिर के अंदर की मूर्तियां विश्व हिंदू परिषद के राजस्थान के दानदाता द्वारा दिया गया था। अब इस मंदिर पर आज प्रतिदिन पूजा अर्चना नही हो रही है तो सभी को साथ बैठकर एकजुट होकर इस पर निर्णय लेना चाहिए।
22 जनवरी के दिन करेंगे मंदिर की सफाई- भाजपा नेता
बातचीत के दौरान भाजपा युवा नेता रामू नेताम ने कहा कि, यह मंदिर सार्वजनिक है और इस पर सभी के लिए पूजा-पाठ के द्वार खुले हैं। अगामी 22 तारीख को हम रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन हम इस मंदिर की भी साफ सफाई करेंगे।