रायपुर। आर्थिक बदहाली से जूझ रहे वन विभाग ने ऊर्जा पार्क में मॉर्निंग वॉक करने जाने वाले लोगों से पांच सौ रुपए मासिक शुल्क लेने की योजना को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है। इसकी वजह शुल्क लेने का लोगों द्वारा विरोध करना बताया जा रहा है। गौरतलब है कि पार्क के रखरखाव तथा मेंटेनेंस के नाम पर वॉक करने वाले लोगों से शुल्क लेने की हरिभूमि ने प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होने के बाद वन विभाग के निर्णय का राजनीति के साथ अन्य सभी वर्ग के लोगों ने विरोध किया।
विरोध के कारण वन विभाग को निर्णय वापस लेना पड़ा। इस बात की पुष्टि रायपुर डीएफओ लोकनाथ पटेल ने की है। मॉर्निंग सीसीएफ कार्यालय के निर्देश पर रायपुर वनमंडल ने सात अक्टूबर को पत्र जारी कर मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों से हर माह पांच सौ रुपए शुल्क लेने का आदेश जारी किया था। आदेश जारी होने के बाद अगले सप्ताह सोमवार से मॉर्निंग वॉक करने आने वाले लोगों से शुल्क वसूलने की तैयारी में विभागीय अफसर जुटे हुए थे। इसके लिए मॉर्निंग वॉक करने आने वाले लोगों के लिए आवश्यक पास बनवाने आदेश जारी कर दिया गया था।
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कमाई की आधी रकम ऊर्जा विभाग को
राजीव स्मृति वन को उर्जा तथा वन विभाग ने मिलकर बनाया है। इसीलिए पार्क से अर्जित आय की आधी रकम ऊर्जा विभाग के पास जाती है। अफसरों के अनुसार पार्क से हर महीने औसतन दो से तीन लाख रुपए की आय अर्जित होती है। इस लिहाज से पार्क की देखरेख तथा मेटेंनेस के लिए वन विभाग को पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इसी नुकसान की भरपाई के लिए वन विभाग ने मार्निंग वॉक करने आने वाले लोगों से शुल्क लेने की योजना बनाई है।
डेढ़ से दो सौ के करीब मार्निंग वॉक करने आते हैं
अफसरों के अनुसार राजीव स्मृति वन में बारिश के दिनों में मार्निंग वॉक करने वालों की संख्या महज 40-50 के करीब रहती है। नवंबर-दिसंबर में मार्निंग वॉक करने वालों की संख्या में इजाफा होता है। ठंड तथा गर्मी के दिनों में मॉर्निंग वाक करने वालों की संख्या डेढ़ से दो सौ के करीब पहुंच जाती है। इस लिहाज से मार्निंग वॉक करने वाले लोगों से शुल्क वसूलने पर हर माह 75 हजार रुपए से एक लाख रुपए तक आमदनी वन विभाग को होगी।
जितनी कमाई उससे ज्यादा खर्च
ऊर्जा पार्क में पिकनिक मनाने तथा तफरीह करने आने वाले लोगों से हर माह ढाई से तीन लाख रुपए की आय होती है। जितनी आय होती है, पार्क की साफ सफाई तथा रख रखाव में उससे दोगुना पांच लाख रुपए खर्च होती है। पार्क की देख रेख तथा साफ सफाई करने 40 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखे गए हैं। उनका हर महीने का वेतन चार लाख रुपए है। इसके साथ ही विद्युत तथा अन्य खर्च मिलाकर पांच लाख रुपए के करीब खर्च होता है।
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पास की रकम वन विभाग के खाते में
वन विभाग के अफसरों के मुताबिक राजीव स्मृति वन में सैर करने तथा पिकनिक मनाने आने वाले लोगों से जो शुल्क लिया जाता है, उस प्राप्त आय में से आधी रकम ऊर्जा विभाग को दी जाती है। मार्निंग वॉक करने आने वाले लोगों से जो शुल्क वसूल किया जाएगा। उक्त रकम वन विभाग के खाते में जमा होती, जिसे अब स्थगित कर दिया गया है।
शुल्क को लेकर सियासत
कांग्रेस नेता तथा पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने बयान जारी कर ऊर्जा पार्क में मार्निंग वाक करने आने वाले लोगों से शुल्क वसूल करने के निर्णय पर विरोध जताया था। पूर्व विधायक ने पार्क के रख रखाव के नाम पर शुल्क वसूलने को गलत बताते हुए निर्णय वापस नहीं लेने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी।
स्थगित कर दिया
रायपुर वनमंडल डीएफओ लोकनाथ पटेल ने बताया कि, अफसरों के निर्देश पर ऊर्जा पार्क में मॉर्निंग वाक करने आने वाले लोगों से शुल्क वसूल करने का निर्णय स्थगित कर दिया गया है।