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शासकीय प्राथमिक शाला समेसर में राष्ट्रीय बालिका दिवस अंगना म शिक्षा कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान स्कूल में अभिभावकों (माताओं) को भी बुलाया गया। 

बेमेतरा। शासकीय प्राथमिक शाला समेसर में अंगना में शिक्षा और बालिका दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। अंगना म शिक्षा के अंतर्गत कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों के साथ-साथ उनकी माता को भी स्कूल आमंत्रित कर बहुत सुंदर गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत भाषा विषय में आओ शब्द बनाएं और गणित विषय के अंतर्गत लकड़ी से बंडल बनाना आदि गतिविधियां कराई गई।

विद्यालय की प्रधान पाठिका साधना साहू ने मास्टर ट्रेनर के रूप में बहुत सी गतिविधियां करवाई। स्कूल परिसर में आई माताओं ने भी उत्साह से सभी गतिविधियों में हिस्सा लिया। अंगना म शिक्षा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य को बताते हुए प्रधान पाठिका और मास्टर ट्रेनर साधना साहू ने बताया कि, बच्चों की शिक्षा में माता का जागरूक होना जरूरी है। घरेलू काम के साथ-साथ खेल-खेल में बच्चों को सिखाना, स्कूल और समुदाय के बीच के तालमेल को समझाना और बच्चों को पढ़ाना भी मां की जिम्मेदारी है। 

angna m shikhsa program
अंगना म शिक्षा कार्यक्रम

बच्चों को अवसर, उचित माहौल और प्रोत्साहन देना जरूरी
विद्यालय की प्रधान पाठिका साधना साहू ने कहा कि, बच्चों की बाल्यावस्था में उनका उचित देखभाल, पोषण और सर्वांगीण विकास जरूरी है। इसी आयु में बच्चों का बौद्धिक और शारीरिक विकास तेजी से होता है। इसके लिए बच्चों को अवसर, उचित माहौल और प्रोत्साहन देना बहुत जरूरी है। 

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बाल्यावस्था की शिक्षा जरूरी
शिक्षिका गोपेश्वरी साहू ने बताया कि, बाल्यावस्था शिक्षा नीति 2013 और प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत निपुण भारत अभियान में इस आयु वर्ग के महत्व को स्वीकारते हुए पूर्व प्राथमिक शिक्षा में विशेष ध्यान दिया जाता है। बच्चों के स्कूल में प्रवेश के अभिभावक विशेषकर माताएं ही बच्चों के लिए शिक्षक जैसी भूमिका निभाती हैं। शिक्षा में गुणवत्ता लाने का यह छत्तीसगढ़ शासन का बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत नई शिक्षा नीति के अनुरूप बुनियादी स्तर पर बच्चों को खेल-खेल में उनकी आयु के अनुसार शिक्षण दिया जाता है। 

विद्यालय की प्रधान पाठिका और माताएं रहीं मौजूद 
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधान पाठिका साधना साहू, शिक्षिका गोपेश्वरी साहू, शिक्षक दिलीप कुमार और अभिभावक के रूप में तीजन बाई, दीपा, दरस मृचंडे, लीला कुमारी प्रेमिन अन्य माताएं मौजूद रहीं।

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