बंपर खरीदी : मार्कफेड के एमडी ने कहा- हमारे पास 35 लाख मीट्रिक टन अधिक, खुले बाजार में करेंगे नीलाम 

सरकार के पास 35 लाख मीट्रिक टन धान जरूरत से अधिक मात्रा में है, यानी एक्सेस है। यह धान जल्द ही नीलामी के माध्यम से खुले बाजार में बेचने की तैयारी है। ;

Update: 2025-02-20 05:18 GMT
Auction, Markfed MD, raipur, Chhattisgarh News In Hindi,  government,  State Council of Ministers, P
  • whatsapp icon

रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस समय सरकार के पास 35 लाख मीट्रिक टन धान जरूरत से अधिक मात्रा में है, यानी एक्सेस है। यह धान जल्द ही नीलामी के माध्यम से खुले बाजार में बेचने की तैयारी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार धान को बाजार में बेचने के पहले उसकी मात्रा तय करने के संबंध में राज्य मंत्रिपरिषद की  बैठक में विचार किया जाएगा। सरकार की अनुमति के मुताबिक धान बेचने के लिए निकाला जाएगा। हालांकि इससे पहले भारत सरकार से आग्रह किया गया है कि वह छत्तीसगढ़ से पूर्व घोषित मात्रा से अधिक चावल ले। अगर केंद्र से अनुमति मिल गई तो धान नीलामी की मात्रा कम हो सकती है।

 छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने खरीफ सीजन 2024-25 में कुल मिलाकर 149 लाख 24 हजार, 709 मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। इसमें से 26 लाख 20 हजार 476 मीट्रिक टन धान अभी भी खरीद केंद्रों में रखा है। हालांकि खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग के लिए तेजी से धान का परिवहन कर मिलरों को दिया जा रहा है। इसके साथ ही मार्कफेड के संग्रहण केंद्रों में भी धान जमा किया जा रहा है। संग्रहण केंद्रों में अभी 32 लाख 42 हजार 898 मीट्रिक टन धान जमा हो चुका है। इस आधार पर माना जा रहा है कि राज्य में कस्टम मिलिंग के बाद करीब 35 लाख मीट्रिक टन धान एक्सेस होगा। यही अधिक धान नीलाम किया जाना है। मार्कफेड के एमडी रमेश शर्मा ने कहा है कि नीलामी के लिए टेंडर किया जाना है। इसके लिए प्लेटफार्म का चयन प्रक्रिया में है।

नीलामी की प्रक्रिया शुरू 

मार्कफेड के एमडी रमेश शर्मा ने कहा है कि नीलामी के लिए टेंडर किया जाना है। इसके लिए प्लेटफार्म का चयन प्रक्रिया में है। फिलहाल 35 लाख मीटरिक टन धान को खुले बाजार में बेचने की प्रक्रिया चल रही है। उसके लिए प्लेटफार्म की तलाश जारी है। अगर केंद्र निर्धारित लिमिट से ज्यादा धान लेता है तो 35 लाख से कम भी किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें... किसानों को राहत : 17 लाख किसानों के अटके थे 3000 करोड़, निगम चुनाव निपटते ही जारी हुए 1000 करोड़

केंद्र से आग्रह, चावल का कोटा बढ़ाएं 

धान की नालामी करने से पहले ही राज्य सरकार इस कोशिश में है कि केंद्र सरकार पूर्व से तय चावल का कोटा बढ़ाए। केंद्रीय पूल के लिए भारत सरकार ने पहले ही 70 लाख मीट्रिक टन चावल की मांग की है। इसके साथ ही राज्य पूल के लिए 14.30 लाख मीट्रिक टन चावल नागरिक आपूर्ति निगम में जाना है। राज्य सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि सेंट्रल पूल के लिए लिए जाने वाले चावल का कोटा बढ़ाया जाए। ऐसा होने से एक्सेस धान की खपत हो जाएगी। सरकार को भी कम मात्रा में चावल नीलाम करना पड़ेगा, लेकिन अभी केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिली है।

कैबिनेट में होगा फैसला कितना धान करना है नीलाम 

बताया गया है कि राज्य में एक्सेस मात्रा में मौजूद धान में से कितनी मात्रा में धान नीलामी के माध्यम से बेचा जाना है, इसका फैसला होगा। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक 22 फरवरी को है। यह संभावना है कि इसी बैठक में नीलामी किए जाने वाले धान की मात्रा को लेकर फैसला कर सकते है।  

Similar News