रायपुर। अयोध्या के श्री राम मंदिर में आज प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। सालों पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार करने के पीछे छत्तीसगढ़ की अंतरा शर्मा का अहम योगदान रहा है। अयोध्या में दो सालों में 37 पुराने मंदिरों को मरम्मत कर उन्हें नया स्वरूप दिया है। कौशल्याधाम के समीप ग्राम-टेकारी के स्व. दुर्गाप्रसाद उपाध्याय की पोती और अरुण शर्मा की बेटी अंतरा शर्मा ने हरिभूमि से बातचीत में बताया कि जब दो साल पहले मुझे मंदिरों का जीर्णोद्धार करने का काम मिला था, उस समय लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मंदिर को कैसे संरक्षित किया जाएगा। 37 मंदिरों को प्राचीन और ऐतिहासिक रूप देने के लिए लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया गया।

दशरथ महल और तिवारी मंदिरों को संवारा

अयोध्या में भगवान राम और रामायण से जुड़े 37 पौराणिक मंदिर है, जिसमें अंतरा ने दशरथ महल और तिवारी मंदिरों को संवारने का काम किया है। उन्होंने बताया, हमारे लिए यह चुनौती थी कि मंदिर का जीर्णोद्धार इस तरह करना था कि उसकी पौराणिक और ऐतिहासिक धरोहर की पहचान बनी रहे। इसके लिए डिजाइन के साथ रंगों का प्रयोग हमें पुराने समय में किए जाने वाले मंदिरों की तर्ज पर ही किया है, ताकि लोग मंदिर के इतिहास से जुड़े सकें।

106 मंदिरों का शुरू होगा जीर्णोद्धार

106 मंदिरों को जीर्णोद्धार करने का काम शुरू होगा। हनुमान गढ़ी मंदिर में गेट की लंबाई 10 मीटर थी, जिसे अब 21 मीटर किया जाएगा। इसे डिजाइन मैंने ही किया है। गेट की लंबाई बढ़ने से भक्तों आसानी से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। लाल किला, कुतुबमीनार समेत देश में प्राचीन इमारत और मंदिरों को संरक्षित करने का काम किया है।