इमरान खान- नारायणपुर। छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र जहां गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजती थी। वहां अब फुटबॉल का शोर सुनाई देने लगा है। रामकृष्ण मिशन आश्रम के मैदान में 29 वां राष्ट्रीय महिला फुटबॉल प्रतियोगिता का आगाज़ हो रहा हैं। जिसमें 19 दिसंबर तक लीग मैच खेली जाएगी, जबकि 21 दिसंबर को सेमीफाइनल और 23 दिसंबर को फाइनल मुकाबला होगा। 

देशभर की दस टीमें यहां आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने आ रही हैं। जिसका समापन 23 दिसंबर को किया जायेगा। जिसमें 10 राज्यों की बेटियां नारायणपुर में फुटबॉल मैच में जौहर दिखाने आ रही हैं। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ और छत्तीसगढ़ फुटबॉल एसोसिएशन के तत्वावधान में रामकृष्ण मिशन आश्रम के फुटबॉल मैदान में मंगलवार से 10 राज्यों की महिला फुटबॉल टीम अपना दमखम दिखाएंगे। जिसमें मणिपुर,सिक्किम, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और रेलवे की टीम शामिल है।

पहला मुकाबला झारखंड और तमिलनाडु के बीच होगा 
उद्घाटन मैच झारखंड और तमिलनाडु के बीच खेला जाएगा। सोमवार संध्या 7 बजे सभी टीमों के खिलाड़ियों का स्वागत कार्यक्रम रामकृष्ण मिशन के इंडोर स्टेडियम में रखा गया है। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के उप-महासचिव एम सत्यनारायण उपस्थित होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी व्याप्तानन्द करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में कलेक्टर विपिन मांझी, छत्तीसगढ़ फुटबॉल एसोसिएशन के महासचिव डॉ जीडी गाँधी, छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ के सहायक महासचिव एवं अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के कार्यकारी सदस्य मोहन लाल उपस्थित होंगे। 

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10 राज्यों की महिला खिलाड़ी होंगी शामिल

जहां सड़क नहीं, वहां फुटबॉल का शोर
छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ क्षेत्र यह साबित करता है कि परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हों हुनर अपना रास्ता तलाश ही लेता है। कभी गोलियों के साये में रहा यह क्षेत्र धीरे-धीरे फुटबॉल की नर्सरी के रूप में देश के राष्ट्रीय नक्शे पर उभर रहा है। अबूझमाड़ ने कई प्रतियोगिताओं की सफल मेजबानी कर फुटबॉल मानचित्र पर दमदार दस्तक दी है।

अंडर-20 राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप की मिली मेजबानी
प्रतियोगिताओं की सफलता से उत्साहित एआईएफएफ ने पुरुषों की अंडर-20 राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप के अगले दो संस्करण की मेजबानी भी रामकृष्ण मिशन आश्रम को दी है। छत्तीसगढ़ फुटबॉल फेडरेशन के साथ एआईएफएफ का यह समझौता आदिवासी बहुल बस्तर में खिलाड़ियों की नई पौध तैयार करने में सहायक सिद्ध होने वाला है।

देश के प्रतिष्ठित फुटबॉल क्लब ईस्ट बंगाल में जगह
नारायणपुर जिला मुख्यालय एक छोटा कस्बा है। धीरे-धीरे यह क्षेत्र फुटबॉल की नर्सरी के रूप में देश के राष्ट्रीय नक्शे पर उभर रहा है। इस वर्ष राष्ट्रीय शालेय सुब्रतो कप फुटबॉल स्पर्धा के लिए इसी आश्रम की बालक व बालिका फुटबॉल टीम ने खेलने की पात्रता प्राप्त की है। अकादमी के खिलाड़ी अभिषेक कुंजाम देश के प्रतिष्ठित फुटबॉल क्लब ईस्ट बंगाल से खेल रहे हैं।

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बस्तर की प्रतिभा को मिलेगी दिशा
खेल मार्गदर्शक स्वामी  कृष्णामृतानंद  कहते हैं कि, अबूझमाड़ में राष्ट्रीय स्पर्धा के आयोजन से खिलाड़ियों को बहुत कुछ देखने-सीखने का अवसर मिला। अब तक भारतीय फुटबॉल में सितारे मिजोरम, अरुणाचल जैसे कठिन क्षेत्रों से निकल कर आए हैं, अब बस्तर के खिलाडि़यों के कदम भी इस दिशा में बढ़ रहे हैं। अबूझमाड़ के बालिकाओं को फुटबॉल में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से यह प्रतियोगिता का आयोजन रामकृष्ण मिशन में कराने का निर्णय लिया गया।

रामकृष्ण मिशन आश्रम के मैदान में आयोजित होगी प्रतियोगिता

एआईएफएफ एक्रेडिटेशन में टू स्टार से सम्मानित
रामकृष्ण मिशन के फुटबॉल अकादेमी को एआईएफएफ एक्रेडिटेशन में टू स्टार से सम्मानित किया गया है। अब रामकृष्ण मिशन के अंडर-13, अंडर-15, अंडर-17 बालक बालिकायें मोहन बागान, ईस्ट बंगाल जैसे टीम के साथ सीधे मुकाबले में उतर सकते हैं। आर के एम फुटबॉल अकादेमी के साथ गोवा एफसी जैसे टीम को भी 2 स्टार मिला है और केरला ब्लास्टर जैसे टीम को एक स्टार मिला है।

जिले में दूसरा फीफा-मानक मैदान मिला
आदिवासी बस्तर क्षेत्र को माओवादी उग्रवाद प्रभावित नारायणपुर में अपना दूसरा फीफा-मानक फुटबॉल मैदान मिला है। जबकि जगदलपुर में पहला फुटबॉल मैदान स्थापित किया गया हैं। विभिन्न आयु समूहों के लगभग 300 छात्र फुटबॉल में सक्रिय रूप से शामिल हैं। आश्रम में पहले प्राकृतिक घास वाले दो फुटबॉल मैदान थे।