बेमतलब की परीक्षा : पूरक में फेल हुए छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश, पहली बार मई में अतिरिक्त कक्षाएं

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पांचवी-आठवीं परीक्षा
पांचवी-आठवीं की परीक्षा में फेल-पास का कोई अर्थ नहीं होगा। पास होने वाले छात्रों के साथ फेल होने वाले विद्यार्थियों को भी अगली कक्षा में दाखिले दिए जाएंगे।

रायपुर। 14 साल बाद होने जा रही पांचवी-आठवीं की परीक्षा में फेल-पास का कोई अर्थ नहीं होगा। पास होने वाले छात्रों के साथ फेल होने वाले विद्यार्थियों को भी अगली कक्षा में दाखिले दिए जाएंगे। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा पांचवी-आठवीं की परीक्षा के संदर्भ में दिशा-निर्देश देते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को खत लिखा गया है। इसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पांचवी और आठवीं दोनों ही कक्षाओं की पूरक परीक्षाएं एक जून से प्रारंभ की जाएंगी। मुख्य परीक्षाओं में सभी विषयों में अनुत्तीर्ण रहने वाले विद्यार्थियों को भी पूरक परीक्षा में शामिल होने की अनुमति होगी। यदि पूरक परीक्षा में कोई छात्र फेल हो जाता है तब भी उसे कक्षोन्नति देकर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। अर्थात किसी भी स्थिति में विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जाएगा।

यदि सभी विषयों में छात्र को शून्य अंक हासिल होते हैं, तब भी उसे अगली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। केवल अंकसूची में ही इस बात का जिक्र रहेगा। इसका अगली कक्षा में प्रवेश पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पूर्व में कहा जा रहा था कि छात्रों को असीमित अवसर परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए दिए जाएंगे। विद्यार्थियों द्वारा परीक्षाएं उत्तीर्ण करने पर ही अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। लेकिन अब केवल एक ही अवसर छात्र को दिए जा रहे हैं।

मुख्य परीक्षा से पहले पूरक की तैयारी

मुख्य परीक्षा के परिणाम 30 अप्रैल को घोषित होंगे। पूरक परीक्षाएं एक जून से होंगी। जो छात्र मुख्य परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाते हैं, उनके लिए पूरक परीक्षाओं की तैयारी करवाने विशेष कक्षाएं संचालित की जाएंगी। मई माह में ये कक्षाएं लगेंगी। इन कक्षाओं के लिए शेड्‌यूल सहित अन्य तैयारियां स्कूलों को अभी से करने कहा गया है, ताकि परिणाम के तुरंत बाद किसी तरह की समस्या नहीं आए। ऐसा पहली बार होगा, जब मई माह में भी छात्रों को स्कूल बुलाय जाएगा और शिक्षक अध्यापन कार्य करवाएंगे।

अनावश्यक राशि व्यय

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि जब छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश प्रदान करना ही है, तो इतनी बड़ी राशि व्यय करने का अर्थ नहीं है। निजी स्कूलों से भी पांचवी में प्रति छात्र 55 रुपए और आठवीं में प्रति छात्र 60 रुपए की दर से राशि शासन ले रही है, जबकि हमें कहा गया था कि परीक्षाएं निशुल्क होगी।

केंद्र की व्यवस्था अपनाएं

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि केंद्र में परीक्षा के साथ ही पास-फेल सिस्टम की भी वापसी हुई है। केंद्र की व्यवस्था अपनाए जाने पर ही परीक्षा का सही उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा।

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