माड़ में उतरी फोर्स : अबूझ इलाके के 50 गांवों में नए चेहरे पर पाबंदी, मोबाइल और घड़ी बैन !

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर के लालगढ़ यानी अबूझमाड़ में माओवादियों का अजब फतवा सामने आया है। लगातार फोर्स की धमक से घबराए नक्सलियों ने अंदरुनी गांवों के बाशिंदों के लिए मोबाइल नहीं रखने और घड़ी पर भी बैन लगा दिया है, साथ ही नए चेहरे की आमदरफ्त पर पहरा लगा दिया है।
यहां यह बताना लाजिमी है कि नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले माड़ एरिया में सशस्त्र बलों की चहलकदमी शुरू हो चुकी है और बड़े इलाके में फोर्स पहुंचने लगी है। इसके बावजूद अंदरुनी इलाका इतना बड़ा है कि भीतर माओवाद अब भी पल रहा है। इस इलाके में तकरीबन 50 गांव बताए जा रहे हैं। इन्हीं गांवों के लिए यह फरमान जारी हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार नए चेहरे को गांवों में पहुंचने नहीं दिया जा रहा है। इलेक्ट्रानिक गैजेट्स पर भी बैन लगा दिया गया हैं। मैदानी कर्मचारियों को नक्सलियों ने नियमों का उल्लंघन पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी है।
तस्वीर लेने की मनाही
नक्सलियों द्वारा कर्मचारियों को भी अब फोटो लेने के लिए मना किया जा रहा है। सरकारी कामों से बाहर जाने वाले कर्मचारियों को शक की निगाह में रखा जा रहा हैं। कर्मचारियों के साथ संघम सदस्यों को साथ में भेजा जा रहा हैं। काम पूरा करने के बाद गांव से निकलने के दौरान भी जांच पड़ताल की जा रही हैं। जंगल के अंदर फोटो लेने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।

गहरी चोट से नक्सली चिंतित
आत्मसमर्पण के बाद नक्सली लीडर इस बात का खुलासा कर चुका है कि सशस्त्र बलों के प्रहार से नक्सलवाद को गहरी चोट पहुंची है। इधर, अबूझमाड़ में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि अंदरूनी गांवों का माहौल बहुत खराब हैं। नक्सलियों के द्वारा हर किसी पर नजर रखी जा रही हैं। गावों से निकलने वालों के साथ गांवों में शहर से जाने वाले सभी लोगों की कुंडली जनताना सरकार के लोग गांव की दहलीज में कदम रखते लिख रहे हैं। कब कौन कितने दिन बाहर रह कर आया और कब कौन कितने दिन किस काम से बाहर जा रहा हैं, इस बात को वे रजिस्टर में लिख रहे हैं।
पहाड़ियों पर जाने से पहले ही रोक चुके
आदिवासियों को पहाड़ियों और जंगल में जाने से भी रोका जा रहा है। जमीं में दफन मौत के सामान से बेकसूर ग्रामीणों की जान बचाने के लिए नक्सलियों ने नया सर्कुलर जारी किया हैं। दंतेवाड़ा जिले में आईईडी से ग्रामीण की मौत के बाद पहली बार इस तरह का नक्सली फरमान जारी हुआ हैं। नक्सलियों के द्वारा ग्रामीणों को हिदायत देकर कहा जा रहा हैं कि ऑपरेशन कगार के नाम पर बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में शामिल फोर्स के जवानों के लिए जमीन के अंदर सैकड़ों बम लगा कर रखा हैं। जिससे बचना हैं तो कोई पहाड़ियों और जंगलों का सैर न करें।
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सातवां कैंप खुला
अबूझमाड़ के कच्चापाल में फोर्स का नया सातवां कैंप खुल चुका है। यह माना जा रहा है, नए कैम्प स्थापना से क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होगा।
नक्सली बौखलाहट में ऐसी फरमान जारी कर रहे
नक्सलियों के फरमान की जानकारी एकत्र की जा रही है। वर्ष 2024 में हुए भारी नुकसान के बाद नक्सली बौखलाहट में है और इस तरह का संदेश फैलाकर जनता में भ्रम फैला रहे हैं। बावजूद जनता नक्सलियों के बहकावे में नहीं आएगी। वह नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार और फोर्स के साथ है। सुंदरराज पी, आईजी बस्तर
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